ज्योतिष पर मुकेश महान से बातचीत पार्ट-1
अपने ही देश में ज्योतिष को विवादित विषय बना दिया गया है। कोई ज्योतिष को बिना पढे –समझे तो कोई अपने आपको प्रगतिशील कहलाने के चक्कर में इस पर सवाल उठाते रहते हैं। ऐसे में पत्रकार से ज्योतिषी बने मुकेश महान से बातचीत कर हम जानने की कोशिश करते हैं कि ज्योतिष को लेकर वस्तु स्थिति क्या है। बातचीत कर रही हैं अलका कुमारी।
सवाल-ज्योतिष को लेकर इतना भ्रम क्यों है ? कोई इसे मानता है तो कोई इसे खारीज करता है। इस संदर्भ में आप क्या कहेंगे?
ज्योतिष को लेकर बहुत बड़ा भ्रम है। यह सच है। इसके पीछे का पहला और महत्वपूर्ण कारण तो यह है कि अपने देश में ही लोगों द्वारा और सरकार द्वारा यह पूरी तरह उपेक्षित है। दूसरा महत्वपूर्ण कारण है कि शताब्दियों तक अपना देश गुलाम रहा है। मुस्लिम और अंग्रेज शासकों ने हमारे धर्म-संस्कृति और परंपराओं को तहस-नहस करने की भरपूर कोशिश की। ज्योतिष विद्या भी उन विदेशी शासकों का शिकार वनी।
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इससे जुड़े अच्छे ग्रंथ और पुस्तक या तो जला दिए गए या फिर वो अपने साथ ले कर चले गए। नतीजतन ज्योतिष और ज्योतीषी धीरे धीरे कमजोर होते चले गए। दूसरी तरफ इसे मजबूती देने का कोई प्रयास न सरकार की ओर से न ही शोध संस्थानों की ओर से और न ही शिक्षण संस्थानों की ओर से की गई।
सवाल- मतलब…
मतलब ये कि जो लोग छुप-छुपा कर ज्योतिषी के पास जाते हैं उनसे मार्गदर्शन लेते हैं वो भी दूसरों के सामने इसे स्वीकारने में संकोच करते हैं। और अपने आपको पढ़ा लिखा और प्रोग्रेसिव साबित करने के चक्कर में इसे अविश्वसनीय करार देते हैं।
सवाल- मतलब आप कहना चाह रहे हैं कि ज्योतिष और ज्योतीषी की आज की इस दुर्गति में ज्योतिषियों की कोई जिम्मेवारी नहीं है।
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ऐसा तो मैंने नहीं कहा। आज के अधिकतर ज्योतिषी भी इसके लिए पूरी तरह जिम्मेवार हैं।इस विद्या की आड़ में वो जम कर ठगी करते हैं। कम जानकारी या बगैर जानकारी के भी आज हजारों की संख्या में ज्योतिषी मिल जाते हैं जो पैसा वसूली के लिए जातकों का जमकर भयादोहन करते हैं। ऐसे में भला कैसे भरोसा हो ज्योतिष और ज्योतीषी पर
सवाल- फिर स्थिति में सुधार कैसे लाई जा सकती है।
स्कूल कालेज और यूनिवर्सिटी में ज्योतिष की पढ़ाई शुरु कर बेहतर माहौल बनाया जा सकता है। जब पढे-लिखे ज्ञानीजन मार्केट में रहेंगे तो ठगी नहीं होगी और जब ठगी नहीं होगी तो लोगों को लाभ मिलने लगेगा। और जब लाभ मिलेगा तो माहौल बेहतर होता चला जाएगा। तो माहौल अपने आप बेहतर होने लगेगा।
सवाल-जो ज्योतिष को नहीं मानते उनके लिए कुछ कहना चाहेंगे आप
जो नहीं मानना चाहते हैं, वो मत मानें। ऐसे लोगों के लिए हम मान लेते हैं कि उनके प्रारब्ध में ज्योतिष का लाभ लेना नहीं लिखा है। दूसरी बात कि ऐसे किसी अन्य के लिए कोई भी ज्योतिष अपना सिर क्यों खपाए।