पंचायत चुनाव के बयार से बिहार अब सराबोर होने को है। दलीय आधार पर इसकी सुगबुगाहट भी तेज होने लगी है, यह और बात है कि जिला पर्षद और पंचायत स्तरीय चुनाव बिहार में दलगत आधार पर नहीं होता है। फिर भी बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर कुछ राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गईं हैं। कुछ पार्टियों की कोशिश थी कि सरकार के इस तीसरे स्तर के चुनाव भी दलगत हों , लेकिन आधिकारिक तौर पर ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है। फिर भी कुछ पार्टियां इस चुनाव में अपनी रोटियाँ सेंकने को आतुर हैं।
पिछले बिहार विधान सभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राजद और दूसरे नम्बर पर आई पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने इस स्तर पर तैयारी भी शुरु खर दी है। हालाकि भाजपा ने अभी आधिकारिक तौर पर जिला पार्षद चुनाव में सक्रियता की बात कही है। भाजपा के जवाब में राजद ने भी अपनी कमर कस ली है। राजद तो जिला पार्षद के साथ पंचायत स्तर के अन्य चुनावों में भागीदारी की तैयारी कर रहा है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन ही इस पर चर्चा हुई थी और कहा गया था कि जिला पार्षद चुनाव में भाजपा हर क्षेत्र से एक उम्मीदवार को अपना
समर्थन करेगी। फिर दूसरे दिन प्रदेश कार्य समिति की बैठक संपन्न होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल का बयान आया कि भाजपा सिर्फ जिला पार्षद चुनाव में ही हिस्सेदारी करेगी।प्रदेश अध्यक्ष की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि फिलहाल जिला पार्षद के नीचे पंचायत और अन्य स्तर के चुनाव में दलीय आधार पर कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। फिलहाल ये घोषणा है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का, लेकिन चुनाव आते आते कुछ भी हो सकता है। ये भी हो सकता है कि भाजपा की ये भागीदारी और बढ जाए।
दूसरी तरफ़ भाजपा की घोर विरोधी पार्टी राजद भी इस चुनावी मैदान में भाजपा को टक्कर देने में जुटी है। गौरतलब है की राजद का राजनीतिक नेटवर्क भी बिहार में सबसे मजबूत माना जाता है। बूथ लेवल पर राजद की पकड़ भी अच्छी मानी जाती है। ऐसे में माना ये जा रहा है की पंचायत स्तर का चुनाव भी रोमांचक होगा ।
सूत्रों की मानें तो राजद इस बावत तैयारी शुरू कर भी चुकी है।वार्ड मेम्बर से लेकर ज़िला पंचायत तक जीतने वाले कैडर को तलाशने का काम शुरू हो चुका है। राजद की रणनीति है कि वह हर सीट पर अपने कार्यकर्ता को उतारे और जीत हासिल करे। मक़सद है ज़मीनी स्तर पर अपनी स्थिति को और मज़बूत करना और बिहार के पंचायत सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना। सूत्रों की मानें तो पार्टी की ओर से जल्द ही इस आशय को घोषणा की जा सकती है या इस बारे में पार्टी में ही आंतरिक स्तर पर हिदायत जारी की जा सकती है । 70 लाख मजबूत और सक्रिय कार्यकर्ताओं की पार्टी राजद की मंशा स्पष्ट है कि वह पंचायत राज संस्थाओं पर अपनी बेहतर पकड़ बनाए ।
वैसे पहले से ही राजद दावा करती रही है कि पंचायती राज संस्थान में पहले से ही उसकी स्थिति मजबूत रही है। इस बार उसकी मंशा अपनी स्थिति और मजबूत करने की है। इसके लिए राजद अपने पंचायती राज प्रकोष्ठ को पुनर्गठित करने के प्रयास में जुटी है।जल्द ही ऐसी खबर राजद की ओर से आ सकती है।
ऐसी स्थिति में माना जा रहा कि पंचायत चुनाव में भाजपा-राजद आमने सामने होगा। लेकिन अगर अन्य पार्टियाँ भी देखा देखी इस चुनाव अपनी उपस्थिति दर्ज करती हैं तो बहुकोणीय मुक़ाबला भी देखने को मिल सकता है ।