मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार दिवस के कार्यक्रम का आगाज किया. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना का हवाला देते हुए कहा कि अभी हालात ऐसे नहीं है कि जश्न मनाया जाए. इतना ही नहीं उन्होंने अपने कई गए विकास कार्यों को भी लोगों के सामने रखा. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 15,229 जल स्त्रोतों, तालाब, आहर, पईनों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। 5 एकड़ तक 6,425 तालाब, 5 एकड़ से बड़े 696 तालाब, 17,917 आहर, पईन का जीर्णोद्धार तथा 10,169 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोंद्धार किया गया है।
कुओं के पास 13,802 तथा चापाकल के पास 1 लाख 37 हजार 590 सोख्ता का निर्माण कराया जा चुका है। छोटी नदियों एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 8,586 चेक डैम संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। 12,101 नए जल स्त्रोतों का निर्माण कराया गया। गंगा जल उद्वह योजना का काम तेजी से किया जा रहा है। 14,136 सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया है। 5 जून 2020 से 9 अगस्त तक 2 करोड़ 51 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन 3 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया।
941 सरकारी भवनों पर सौर उर्जा के संयंत्र स्थापित किए गए हैं। बिहार में किए जा रहे कार्यों के संबंध में देश के बाहर भी चर्चाएं होती हैं। यूनाइटेड नेशन में भी चर्चा हुई। 24 सितंबर 2020 को उच्च स्तरीय राउंड टेबल कन्फ्रेंस में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुझे भी अपनी बात रखने का मौका मिला था। इस कन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था। हमलोग अपना काम करते रहते हैं प्रचार नहीं करते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल उद्वह योजना के अंतर्गत बोधगया, गया, राजगीर और नवादा में सभी घरों में गंगा जल को शुद्ध पेयजल के रुप में उपलब्ध कराया जाएगा। मौसम अनुकूल षि कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार के 8 जिलों से इसकी शुरुआत की गई है। अब सभी जिलों में विशेषज्ञों को लगाकर इस पर काम किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर काम किए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं।
हर माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली को लेकर अद्यतन स्थिति पर चर्चा की जाती है। जीविका समूहों को पोखर एवं तालाबों को देखने की भी जिम्मेदारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर बापू की चर्चा जरुरी है। बापू ने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है। अगर बापू के विचारों को 10 से 15 प्रतिशत लोग अपना लें तो बिहार भी आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा।
वर्ष 1917 में बापू बिहार आए थे और 30 सालों के बाद ही देश आजाद हो गया। बापू की इच्छा थी कि शराबबंदी हो, नशाबंदी हो। महिलाओं की मांग पर ही हमने राज्य में शराबबंदी लागू की। शराबबंदी को लेकर सभी को सचेत रहना है, क्योंकि कुछ गड़बड़ करने वाले लोग लगे रहते है। आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय जल संरक्षण दिवस के रुप में मनाया जा रहा है और हमलोग बिहार दिवस मना रहे हैं। हमलोग जल के संरक्षण एवं हरियाली बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
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बिहार से झारखंड अलग हुआ तो बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत की गई। 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसमें से 19 करोड़ पौधे लगाए गए। अब राज्य का हरित आवरण बढ़कर 15 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में राज्यगीत जरुर गाए जाएं ताकि सभी के मन में बिहार के प्रति सम्मान का भाव पैदा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में तथा देश के कुछ राज्यों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। अपने यहां भी कोरोना के मामले कुछ बढ़े हैं। होली को देखते हुए हम सभी लोगों को और सतर्क रहने की जरुरत है। हम अपील करते हैं कि कोरोना को लेकर सभी लोग सजग और सचेत रहें। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा संजय कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे.
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वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों से जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, राज्य परियोजना के निदेशक श्री संजय सिंह सहित शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारीगण, प्रमंडलीय आयुक्तगण, सभी जिलों के जिलाधिकारीगण, अन्य पदाधिकारीगण, शिक्षकगण, छात्रगण, जीविका दीदियां एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।