अनुष्का श्रीवास्तव
पटना। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने जा रहा है। इस मंदिर के लिए सालों से लोगों ने लड़ाई लड़ी है और अंततः उन्हें जीत हासिल हुई। ये बहुत ही अच्छी बात है कि भगवान श्रीराम के जन्म स्थान पर उनका भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। पर यह सवाल तो बनता ही है कि सीता मां की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी का क्या हो रहा है।
सीता मां क्यों उस युग से लेकर आज तक उपेक्षित हैं। क्या केन्द्र की भाजपा सरकार या राज्य की भाजपा समर्थित सरकार सीता मां की प्राकट्य स्थल सीतामढ़ी के लिए कुछ नहीं करेगी। ये सवाल क्षत्रिय महासभा, राजपूत समाज, अखंड भारत की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंव राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी क्षत्राणी अर्चना सिहं ने उठाया है।
अर्चना सिंह ने बिहार सरकार से मांग की है कि जब तक अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो रहा है तब तक बिहार सरकार एक योजना बना कर सीता मां के प्राकट्य स्थल सीतामढ़ी को भी एक दार्शनिक स्थल के रूप में विकसित करे।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाया जा रहा है। उसी मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई की जा रही है। राम लला के मंदिर निर्माण के लिए 40 फीट गहराई खुदाई हुई है। खुदाई के दौरान एक चरण पादुका सहित प्राचीन पाषाण खंड और कुछ खंडित मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. खुदाई से मिले अवशेषों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने सुरक्षित रखवाया है.
वहीं अयोध्या का हवाला देते हुए अर्चना ने बिहार सरकार से मांग की है कि वो भी मां जानकी की जन्मस्थली के आसपास खुदाई करवाये. वहां से भी बहुमूल्य ऐतिहाकिस एवं पौराणिक अवशेष मिलने की संभावना है. सरकार को जल्द से जल्द मां सीता की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करना चाहिए.
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