पटना। वर्ष 2019 में दुनिया भर में दस्तक देने वाले Corona Virus का संक्रमण 2021 में भी लगातार बढ़ रहा है, Corona Virus अब बदलाव के साथ और अधिक खतरनाक एवं जानलेवा हो गया है। कोरोना वायरस की यह दूसरी लहर पहले से ज्यादा तेजी से फैल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने के देश के लगभग 18 राज्यों में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि की है।
दूसरी लहर में हैरान करने वाली बात यह दिख रही है कि अब कोरोना के लक्षण तेजी से बदल रहे हैं, जिसमें कई बार लक्षण ऐसे दिखने को मिल रही है, संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण का आभास भी नहीं हो रहा है और जांच करने पर वह व्यक्ति कोरोना पोजेटिव होता है।
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कोविड 19 के पहले स्ट्रेन में बुखार, मुंह का स्वाद चला जाना, सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश, सिरदर्द के लक्षण दिखाई देते थे। लेकिन अब यह महामारी एक नए रूप में आ चुकी है, जिसमे कई देशों के स्वास्थ विभागों के अनुसार इसमें संक्रमित को “खाँसी, थकान, सरदर्द होना, डायरिया, मांशपेशियों में दर्द, तव्चा पर रैशेज़ होना, हाथों की उंगलियो के रंग बदलना, आँख आना, खुजली एव त्वचा पर चकत्ते पड़ जाना” जैसे लक्षण हो सकते हैं, जिनके लिए सावधानी की आवश्कयता बताई गया है।
दूसरी लहर में कोरोना के नए स्ट्रेन प्रत्येक दिन सामने आ रहे हैं। कई राज्यों में 1 लाख से ऊपर मामले आ रहे हैं और इसके खतरों को देखते हुए उन राज्यों में नाईट कर्फ्यू का भी आदेश दिया जा रहा है। ऐसे राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और गुजरात शामिल है।
देश में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ा दी गयी है और प्रतिदिन 43 लाख से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीनशन लगाई जा रही है। देश में कुल 8 करोड़ 40 लाख लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन लगाया जा चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना की नई स्ट्रेन की वजह से भारत में एक्टिव मामलों की संख्या 9 लाख के पार पहुंच गई है, लेकिन इस खतरे को कम करने के लिए कोरोना से संबंधित सभी बचाव के नियमों और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश का पालन सही ढंग से करने की सलाह दी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोरोना की कई लहरें आ सकती हैं। पूर्ण लॉकडाउन इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। दूसरी लहर का परिणाम भयानक आ रहे हैं। उन्होंने कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश के लोगों को बचने की अपील की है। डॉक्टर स्वामीनाथन ने यह भी कहा है कि हमें कोरोना की तीसरी लहर आने के पहले दूसरी लहर से बचाव करना होगा, जब तक कि सभी लोगों को टीका नहीं लगा दिया जाता है, तबतक निश्चित तौर पर महामारी की कई लहरें आ सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविशील्ड टीका की दो खुराक के बीच 8-12 सप्ताह के अंतराल पर देने की सलाह दी है। इसके साथ ही, उसने बड़ी संख्या में लाभार्थियों को टीका लगाने की भी बात कही है. डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि अभी बच्चों के टीकाकरण की सिफारिश नहीं की गई है लेकिन दो खुराक के बीच का अंतर 8 से 12 सप्ताह तक बढ़ाया जा सकता है
देश के 11 राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर चिंता का कारण बना हुई है। कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश में कोरोना के मौजूदा हालात पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है, जिसमें 11 राज्यों- महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा में स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया गया।
सूत्रों ने बताया कि मार्च में कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी की दर 6.8 फीसद तक पहुंच गई थी, जो पिछले साल के जून में सबसे अधिक वृद्धि दर 5.5 फीसद से भी अधिक है। इसी तरह से कोरोना के कारण होने वाली मौतों में भी 5.5 फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि नए केस छोटे और मझोले शहरों में ज्यादा सामने आ रहे हैं, जहां से इनके ग्रामीण इलाकों में फैलने का खतरा है।
सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उपायों को सख्ती से लागू करने और सभी पात्र समूहों का 100 फीसद टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा। सरकार का कहना है कि किसी भी स्थिति में कोरोना संक्रमण की दर पांच फीसद से आगे नहीं बढ़नी चाहिए और इसके लिए राज्यों को पर्याप्त टेस्टिंग की व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही 70 फीसद टेस्टिंग भी आरटी-पीसीआर से सुनिश्चित करना होगा। एंटीजेन टेस्ट में निगेटिव आने वाले सभी कोरोना के लक्षण वाले लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट करना होगा। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्यों से कंटेनमेंट जोन और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे कदम उठाने को कहा गया है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में संक्रमण वाले जिलों में जिला स्तर पर एक्शन प्लान तैयार करने और 24 घंटे चलने वाले इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर बनाने को भी कहा गया है। एंबुलेंस, ऑक्सीजन आपूर्ति और वेंटीलेटर वाले बेड की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था करने पर भी जोर दिया गया है।