मान्यता है कि ब्रह्मपुर महादेव मंदिर में भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। बिहार के बक्सर जिले में हिन्दुओं का बहुत ह...
धर्म-ज्योतिष

ब्रह्मपुर महादेव मंदिर: जहां धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष मिलता है भक्तों को

मान्यता है कि ब्रह्मपुर महादेव मंदिर में भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। बिहार के बक्सर जिले में हिन्दुओं का बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक जगह है ब्रह्मपुर। ब्रह्मपुर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ब्रह्मपुर मुख्य रूप से भगवान शिव के मंदिर की पौराणिक कथा से जुड़ा है और सावन महीने में पशु मेले के लिए प्रसिद्ध है। वैसे बिहार में एक से एक चमत्कारी मंदिर है, लेकिन ब्रह्मपुर महादेव मंदिर की बात सबसे अलग है। यह ब्रह्मपुर स्थान जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।

पौराणिक मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण कर खुद ब्रह्माजी किया था। मंदिर निर्माण के बाद यहां शिवलिंग को स्थाना भी उन्होंने स्वयं ही किया था।यही कारण है कि यहां स्थापित शिवलिंग को बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के नाम से जाना जाता है और इस जगह का नाम ब्रह्मपुर है। इस बजह से ही सदियों से ब्रह्मपुर चर्चित रहा और यह भगवान शंकर के प्रमुख तीर्थों में से एक माना गया।ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि इस मंदिर का मुख्य द्वार (दरवाजा) पश्चिम मुखी है, जबकि देश के अन्य शिव मंदिरों का दरवाजा पूर्व मुखी (दिशा) में है। इस मायने में भी यह मंदिर और मंदिरों से हटकर है। देश के प्राचीनतम मंदिरों में से यह मंदिर एक है।

अब यह मंदिर ब्रह्मपुर धाम से चर्चित है।शिव महापुराण की रुद्र संहिता में ब्रह्मपुर में स्थित महादेव को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला मंदिर कहा गया है। इस मंदिर को लोग मनोकामना महादेव मंदिर भी कहते हैं। यह मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग-84 पर पटनाबक्सर मार्ग से एक किलोमीटर की दूरी पर रघुनाथपुरब्रह्मपुर मार्ग पर अवस्थित है। यह मंदिर मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित है। हालाँकि मंदिर में और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां है ओर उनकी भी पूजा अर्चना होती है लेकिन यह महादेव मंदिर के नाम से ही जाना जाता है।

ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है, मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिम मुखी होना। इस संबंध में यह कहा जाता है कि मुस्लिम आक्रांता मोहम्मद गजनी ने ब्रह्मेश्वरनाथ का चमत्कार देखा था और ब्रह्मेश्वर नाथ का चमत्कार देख कर उल्टे पांव लौटा था मोहम्मद गजनी। कहा जाता है कि मुस्लिम अक्रांता मोहम्मद गजनी ने एक समय, इस मंदिर पर हमला बोला था, तो उस समय यहां के लोगों ने गजनी से शिव मंदिर को नहीं तोड़ेने का अनुरोध किया था।

लोगों के अनुरोध पर मोहम्मद गजनी ने लोगों से कहा कि भगवान कुछ नहीं होता है। उसने भगवान में आस्था रखने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप लोगों का भगवान होता है तो इस मंदिर का जो मुख्य प्रवेश द्वार पुरब दिशा में है, वह रात भर में पश्चिम की ओर हो जाए। अगर ऐसा हो जायेगा, तो वह मंदिर को छोड़ देगा और कभी इसके पास नहीं आएगा।भगवान ब्रह्मेश्वर नाथ ने ऐसा चमत्कार दिखाया कि अगले दिन जब गजनी मंदिर का विध्वंस (विनाश) करने के लिए आया तो वह यह देख कर दंग रह गया, कि जिस मंदिर का द्वार कल पूरब देखा था वह मंदिर का प्रवेश द्वार आज पश्चिम की तरफ हो गया है। Read also –खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर के जीर्णोधार पशुपतिनाथ मंदिर के तर्ज पर शुरु

इसके बाद वह बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ के चमत्कार से भयभीत होकर और अपने वादा के अनुसार मंदिर को क्षति पहुंचाए बगैर वहां से वापस लौट गया।ब्रह्मेश्वर धाम मंदिर में सावन महीने में और हर महीने की शिवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ब्रह्मेश्वर धाम मंदिर में प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजा और यज्ञ का आयोजन किया जाता है। भारी संख्या में भक्त वहां पहुंचते हैं और पूजा तथा यज्ञ का लाभ उठाते हैं। मान्यता यह भी है कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं भी सहज ही पूरी हो जाती है।

जितेन्द्र कुमार सिन्हा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.