ज्योतिषीय आकलन के अनुसार यह वर्ष एक अद्भुत संयोग का वर्ष है। भारत में महापरिवर्तण के संकेत साफ दिख रहे हैं। इस वर्ष आज़ादी महोत्सव के समय...
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ज्योतिषीय आकलन :  भारत में महापरिवर्तन की दस्तक

15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी दासता से मुक्त हुआ, आज़ाद हुआ। 2023  में  भारत  अपनी  आज़ादी  के  76  वर्ष  पूरे  करके 77 वां वर्ष में प्रवेश करेगा हर आने वाला वर्ष एक दूसरे से सर्वथा भिन्न होता है। क्या है  इस  वर्ष  के  गर्भ  में। इसे भारतवर्ष की कुंडली में चलने वाली दशा और ग्रहों की स्थिति के अधार पर बता रही हैं ज्योतिषी,  योग  और  अध्यात्मिक  चिंतक बी  कृष्णा

ज्योतिषीय आकलन के अनुसार यह वर्ष एक अद्भुत संयोग का वर्ष है। भारत में महापरिवर्तन के संकेत साफ दिख रहे हैं। इस वर्ष आज़ादी महोत्सव के समय सावन अधिक मास है और वर्ष 1947 में जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी तब भी सावन अधिक मास बीत रहा था। इस  वर्ष भारत की कुंडली का लग्नेश शुक्र वक्री होकर अभी अभी सिंह राशि से कर्क राशि में आया है। नवमेश एवं दशमेश शनि, शतभिषा नक्षत्र में वक्री चल रहा है। द्वितीयेश  बुध 24 अगस्त को पुनः सिंह राशि में वक्री होगा, जहाँ  वह 15 सितंबर तक रहेगा।

दिसंबर माह में एक बार फिर से धनु राशि में बुध वक्रत्व को प्राप्त करेगा जबकि गुरु  मेष  राशि में 5 सितम्बर को वक्री होगा। राहु केतु के तो चाल ही वक्री ही रहते हैं। ये  दोनों  भी  अक्टूबर  माह  में ००* का होकर मेष और मीन राशि गण्डान्त में  रहेंगे । इस तरह देखें तो अधिकत्तर ग्रहों के वक्री प्रभाव देश दुनिया को झेलना पड़ेगा।

चंद्र / शुक्र की दशा में ग्रहों की तेजी से परिवर्तित होती गति एवं वक्री होकर पृथ्वी से उनकी बढ़ती नजदीकी, मानो ग्रहों ने सामूहिक रूप से देश ही नहीं दुनिया को बदलने की ठानी है। महापरिवर्तन की शुरुआत एवं राजनैतिक उथल पुथल का मंच शुक्र  ने कर्क राशि में आकर तैयार कर दिया है,अब इसके मंचन में तेजी हमलोग अक्टूबर, नवंबर  माह से दिखना शुरु होगा।

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भारत में महापरिवर्तन की ग्रह स्थिति

ग्रहों के वक्री होने के क्रम में ध्यान देने योग्य बात यह है कि शनि को छोड़कर अन्य सभी ग्रह धर्म राशि,अग्नि तत्व राशि में वक्री हो रहे हैं। साथ ही साथ 2023 को जोड़े – 2 +0 2+3 तो 7 अंक प्राप्त होगा जो की केतु का अंक है। फिर से अग्नि की प्रधानता।अग्नि तत्व का उभर कर आना विकास एवं विनाश दोनों का सूचक है। अच्छी बात यह है कि धर्म  का सहारा है। 

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कहा जा सकता है कि यह वर्ष ‘धर्मों रक्षति रक्षितः’ को चरितार्थ करनेवाला हो सकता है। आधुनिकता के अंध दौर से परे आत्मावलोकन का वर्ष होगा। संस्कारों से जुड़कर मूल की ओर लौटने का वर्ष होगा। संयमित और अनुशासित  होकर  दृढ  संकल्प से विश्व को अपनी नीतियों से चकित करने वाला वर्ष होगा।

गुरु का भरणी नक्षत्र में वक्री होना  एवं  शनि  का इस  वर्ष  तीन  नक्षत्रों, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व  भाद्रपद  से  संचार  करते  हुए  वृश्चिक,  धनु  एवं मकर  नवांश से गुजरना निश्चित ही एक बड़े बदलाव के सूत्रपात का संकेत दे रहे हैं। यह बदलाव विश्वस्तर पर हो सकता है। बहुप्रतिक्षित हो सकता है। आंतरिक, राजनैतिक,, संवैधानिक या सीमा पर भी हो सकता है। यह परिवर्तन भारत में महापरिवर्तन के रूप में देशवासियों को देखने क मिलेगा।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.

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