मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ मंत्र गायत्री मंत्र gayatri mantra की महिमा ही कुछ अजीब है। गायत्री मंत्र जिसके बारे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि हम यह मंत्र भूत, प्रेत डायन, जोगिन, नजर – गुजर आदि से बचाता है। विश्वास इतना कि परीक्षा के पहले भी बहुत से बच्चे इस मंत्र का जाप कर लेते थे कि परीक्षा में वो आसानी से सफल हो जाएँ। मतलब गायत्री मंत्र के जाप,ध्यान व मनन से इंसान की रक्षा होती है। यह महामंत्र गायत्री आयु, प्राण,शक्ति,कीर्ति,धन और ब्रह्मतेज को बढा देने वाला है।
मान्यता है कि महर्षि विश्वामित्र ने यह कल्याणकारी मंत्र का इजाद किया था। आध्यात्मिक और दार्शनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस आदिशक्ति मंत्रों को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। माना जाता है कि यह मंत्र भगवान सूर्यनारायण को समर्पित है। यह ऊर्जावान मंत्र 24 अक्षरों का है। इसमें 24 देवी-देवताओं की शक्ति समाहित है। इस मंत्र को जपने, सुनने या ध्यान करने मात्र से भी भगवान भास्कर की कृपा प्राप्त होती है।गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में श्री गणेश, नरसिंह,भगवान विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, राधा रानी, लक्ष्मी माता, अग्नि देव, इंद्रदे , सरस्वती, दुर्गा, हनुमान, मां पृथ्वी, सूर्यदेव, राम, सीता, चंद्रदेव, यम देव, ब्रह्मा, वरुण देव, नारायण, भगवान ह्यग्रीव, हंस देव ,मां तुलसी की श्कति समाहित है।
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gayatri mantra हर रोज प्रातः या संध्याकाल में मात्र 7 बार इस मंत्र का जाप करने से या सुनने मात्र से समस्त नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं। इस गायत्री मंत्र के जाप से प्राणी मात्र के तेज में वृद्धि होती है।विज्ञान भी मानता है कि इस मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्र मानता है। इस मंत्र के जाप से प्रति सेकंड 110000 (एक लाख दस हज़ार) ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती हैं, जो एक कवच का निर्माण करती हैं। जिससे जाप करने वाले या सुनने वाले की प्राण शक्ति पुष्ट होती है। नतीजतन जाप करने वाले पर किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता।