फतुहा/खुसरूपुर,अमरेद्र कुमार। सावन की पहली सोमवारी के मौके पर लगातार दूसरे वर्ष भी भोले का दरबार रहा सुना । भोले की नगरी कहे जाने वाले खुसरूपुर के ऐतिहासिक बैकुंठनाथ मंदिर में देर रात से ही शिवभक्तों की भीड़ मंदिर प्रांगण के बाहर देखी गयी। कोरोना को लेकर श्रद्धालु भगवान शिव को जल चढ़ाने और पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर के गर्वगृह में प्रवेश नहीं मिली। प्रवेश नहीं मिलने से दुखी शिव भक्तों ने मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर ही बाबा भोलेनाथ के नाम पर जलाभिषेक किया एवं ध्यान कर पूजा अर्चना किया।
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बता दें कि कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र मंदिर के पट बंद रहने के कारण इस बार भी भोले का दरबार रहा सुना । शिव भक्त बाहर से ही पूजा-अर्चना करके जल-पुष्प चढ़ाकर वापस लौट रहे हैं। जिला प्रशासन ने भीड़ जुटने की आशंका को देखते हुए मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कराकर पुलिस बल की तैनाती करा दी है। इसके बावजूद शिवभक्तों की भीड़ में कोई कमी नहीं देखी गयी।
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लोगों की गंगा घाट पर स्नान को लेकर काफी भीड़ देखने को मिली। इस बीच मंदिर के पंडा व पुजारियों ने भोले को आवाज लगायी, हे प्रभु आपके द्वार बंद होने से हुए हम दाने दाने को मोहताज। मंदिर बंद रहने के कारण यहां के पुजारी भुखमरी व बदहाली के कगार पर आ चुके हैं। पुजारियों ने इस रुख का विरोध करते हुए मंदिर खोले जाने की मांग की है। वहीं बाहर ठेले-खोमचे, फुटपाथी दुकानदार भी निराश हैं।