फतुहा, अमरेंद्र। फतुहा प्रखंड के वरूणा गांव में आज लोक देवता बाबा बख्तौर की भव्य पूजा का आयोजन लोक शैली में किया गया। लोकशैली में आयोजित इस पूजा का आयोजन मोहन प्रसाद सिंह द्वारा कराया गया था।आपको बताते चलें कि बाबा बख्तौर की काफी मान्यता क्षेत्रीय स्तर पर है। स्थानीय लोग इन्हें भुइयां बाबा के नाम से भी पूजते हैं। खास बात है कि यह पूजा खुले मैदान या खेत में या फिर बड़े दरबाजे पर की जाती है। ऐसा इसलिए भी कि भगत के समूह को भगता शैली के नृत्य प्रस्तुत करने और लोक करतब दिखाने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
यह पूजा अब लुप्तप्राय हो चुकी है। यदा कदा ही अब यह पूजा देखने को मिलती है। गांव के लोगों को इस पूजा में बहुत आस्था होती है। इस पूजा के अवसर लगभग सभी ग्रामीण महिला-पुरूष इकट्ठा होते हैं और लोक पूजा का आनंद उठाते हैं। पूजा करने वाले भगत अपनी अलग शैली में एक छड़ी के साथ नृत्य करते हैं । मान्यता है कि लोक देवता के आहवान के बाद जब देवता भगत के शरीर पर आ जाते हैं तो वह भगत खुद ब खुद नृत्य करने लगता है। तब लोग अपनी अपनी समस्या का समाधान भी भगत से जानना चाहते हैं। मान्यता यह भी है कि समाधान उस भगत के मुंह से देवता बोल रहे होते हैं।
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वरूणा गांव में आयोजित लोक देवता बाबा बख्तौर की पूजा के अवसर पर जीपू भगत के नेतृत्व में पांच भगत और 104 मांदरियों ने पूरे विधि-विधान से बाबा बख्तौर का पूजा संपन्न किया। मांदरियों के मधुर धुन पर भगत झूमते हुए नजर आए।
मौके पर रामचन्द्र भगत, रामप्रवेश भगत, कारू भगत, कृष्ण भगत, रामवचन भगत, राम किशोर प्रसाद, प्रफुल्ल सिंह, नवल सिंह, संजीत मिस्त्री, उपेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, शिव प्रसाद सिंह, संजय कुमार, राम सागर यादव सहित हजारों ग्रामीण मौजूद थे।