धर्म-ज्योतिष

मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन देश के लिए कितना मंगल ?

मंगल ग्रह का तुला राशि में संचार और शनि के साथ होगा परस्पर दृष्टि संबंध मंगल ग्रह राशि परिवर्तन कर जहाँ एक ओर शुक्र की राशि तुला राशि में प्रवेश लेकर 5 नवंबर से नीच के सूर्य के साथ होगा और दूसरी ओर वैसे शनि के साथ परस्पर दृष्टि सम्बन्ध बनाएग, जो नीच के गुरु के साथ है। मतलब ज्योतिषीय गणना के अनुसार अगर बात करें तो कुछ बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
भारत के सन्दर्भ में और वर्तमान परिदृश्य में क्या होगा इसका असर?
वर्तमान परिदृश्य में इसके प्रभाव को विश्लेषित करने से पहले आइये थोड़ा पीछे चलें।तीन दशक पीछे 1990-1991 में चलते हैं। यह वह समय था जब आज की ही तरह मंगल ग्रह और सूर्य ग्रह तुला राशि में साथ होने को तत्पर तो थे ही, साथ ही साथ मंगल और शनि एक दूसरे के साथ परस्पर दृष्टि सम्बन्ध बनाने हेतु भी बेताब थे। कुछ कुछ ऐसी ही ग्रहों की स्थिति थी, जैसी की अब वनने जा रही है। फर्क सिर्फ इतना था कि गुरु जो अभी नीच का है तब उच्च का होकर शुक्र के साथ साथ चलने को उद्धत था। पुष्य नक्षत्र का गुरु शुक्र के साथ मिलकर इतना अराजक हुआ कि देश में राजनैतिक और आंतरिक अस्थिरता का तूफान ले आ गया था। भारत राजनैतिक अस्थिरता से गुजर रहा था।वीपी सिंह व चंद्रशेखर की सरकारें जल्दी-जल्दी विदा हो चुकी थीं, राजीव गांधी की हत्या हो चुकी थी और राजीव गाँधी की हत्या के बाद पीवी नरसिम्हा राव अल्पमत वाली सरकार चला रहे थे।
केंद्र में अस्थिर सरकार के साथ पंजाब और कश्मीर दोनों जगह विस्फोटक स्थिति बनी हुई थी। पंजाब से लौट रहे 10 सिख तीर्थयात्रियों को आतंकवादी बताकर उनकी हत्या कर दी गयी थी।
पंजाब के सिख और घाटी के मुस्लिम दोनों असंतुष्ट और असहज थे। इन दोनों सबसे संवेदनशील राज्यों को पाकिस्तान के आईएसआई का पूर्ण समर्थन मिल रहा था। कश्मीर में आतंकी संगठनों का उपद्रव बढ़ता जा रहा था। आतंकियों द्वारा धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाये जाने की शुरुआत हुई, जिसकी वजह से घाटी से लाखों की संख्या में हिन्दुओं का पलायन शुरू हुआ। देश को कमजोर करने के लिए बाहरी ताकतें तो सक्रीय थी ही।
आइये अब वर्तमान समय पर नजर डालते हैं-
भारत के दो सबसे संवेदनशील राज्य पंजाब और कश्मीर दोनों जगह एक बार फिर असंतोष की स्थिति है। पंजाब के सिख नाराज हैं तो घाटी के मुस्लिम गुस्से में हैं। घाटी में एक बार फिर धर्म के नाम पर हिंसा शुरू हुई है।जबकि घाटी में ऐसा प्रतीत होने लगा था कि आतंकी घटनाओं का दौर समाप्त हो चुका है, लेकिन विगत कुछ दिनों की घटनाओं ने एक बार फिर तीन दशक पहले की याद ताजा कर दी है। यह खतरनाक है खास कर ऐसे समय में जबकि उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक है।
अब सवाल उठता है कि क्या पंजाब और कश्मीर एक बार फिर से आतंक के आग में झुलसेगा ?
क्या देश पर एक बार फिर राजनैतिक और आंतरिक अस्थिरता का तूफान मंडरा रहा है?
अब देश और काल के अनुसार थोड़ा विश्लेषण कर लेते हैं- 1-वर्तमान में केंद्र में एक मजबूत सरकार है। यह एक शुभ स्थिति है।(तीन दशक पहले केंद्र में अस्थिर सरकार थी)।
2-देश को कमजोर करने वाली बाह्य ताकतें खासकर पाकिस्तान की स्थिति अब वैसी नहीं रही, जैसी कि तीन दशक पहले थी। अब वह अपेक्षाकृत काफी कमजोर हो चुका है। यह भी एक शुभ स्थिति है। 3-पंजाब में राजनैतिक अस्थिरता बढ़ रही है। एक मजबूत सूत्रधार की कमी महसूस की जाने लगी है। हताश और दिग्भ्रमित कांग्रेस और अकालियों द्वारा वहां के सरदारों में आशा की किरण का संचार असंभव प्रतीत हो रहा है। एक स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के लिए यह एक शुभ स्थिति नहीं है। 4- मनोज सिन्हा के उपराज्यपाल का पद सँभालने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो घाटी से आतंकी घटनाएं अब समाप्त हो चुकी हैं, लेकिन हाल के दिनों में कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि चिंतनीय है। 5-समय रहते अगर देश की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सधे हुए कदम नहीं उठाये गए, तो नवम्बर माह से खासकर 5 नवंबर से उत्तर के इन दोनों संवेदनशील राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता देखने के लिए हम सबको तैयार रहना होगा। 6-केंद्रीय सरकार को कमजोर करने और केंद्रीय साख को धूमिल करने की पुरजोर कोशिशें बाह्य ताकतों द्वारा की जाएँगी, लेकिन आज के समय में उन्हें मुँह की खानी पड़ेगी। तीन दशक पहले जो षड्यंत्री ताकतें देश में अपने षड्यंत्र और कुटिलता द्वारा आग लगाने में सफल हो गए थे, उन्हें इस बार वह सफलता नहीं प्राप्त होने वाली।

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मंगल ग्रह शनि सूर्य के साथ को गुरु शुक्र का समर्थन प्राप्त नहीं होना देश को तीन दशक वाली स्थिति में तो ले जाना वाला नहीं ही होगा, लेकिन हाँ मंगल और शनि के साथ के समय राहु का वृषभ राशि में होना देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने का संकेत तो दे ही रहे हैं, साथ ही साथ हम सभी को भी पल पल बदलते समीकरण पर अपनी नज़र बनाये रखने का संकेत दे रहे हैं। सबका एक दूसरे के साथ एकात्म सम्बन्ध होगा तब पंजाब तो शांत होगा ही कश्मीर भी उपद्रव मुक्त होगा और देश के नौजवानों के बीच बढ़ती अराजकता को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

एक अन्य महत्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं-

निकट भविष्य में इस तरह की आर्थिक सुधार नीतियाँ बनाई जाएंगी और लागू की जाएंगी, जो भारत को विश्व की सबसे तेज गति से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बना देगी । यह सबसे अच्छी स्थिति भारत के लिए होगी।

krishna narayan कृष्णा नारायण

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.