- मंगल ग्रह के कारण व्यक्ति होता है गुस्सैल
पवन कुमार शास्त्रीय । Mangal को ग्रहों का सेनापति माना जाता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मंगल किसी की जन्म कुंडली में अशुभ स्थिति में होते हैं तो उसे क्रोधी और बात-बात पर नाराज होने वाला बना देते हैं। Mangal शुभ हैं या अशुभ इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है।किसी भी व्यक्ति के स्वभाव को देख समझ कर इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।कोई व्यक्ति अगर अक्सर गुस्से में रहता है तो यह समझना चाहिए कि वह व्यक्ति अशुभ मंगल के प्रभाव में है।यह अशुभ मंगल अक्सर बच्चों को जिद्दी और शरारती भी बनाता है। बच्चों के स्वभाव को तो वैसे भी मंगल बहुत जल्दी प्रभावित करता है। बच्चा अधिक शरारत करने लगे या हर बात पर जिद्द करने लगे तो उसकी कुंडली में मंगल की स्थिति का पता लगा कर उसका उपाय करना जरुरी हो जाता है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उपाय सर मंगल के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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Mangal के कारण कभी कभी व्यक्ति भारी मुसीबत में पड़ जाता है। क्रोध करना अच्छा नहीं माना गया है, शास्त्त्रों में क्रोध को व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है। क्रोध कभी कभी व्यक्ति के करियर और जीवन में परेशानी पैदा कर देता है।
जन्मकुंडली में Mangal अशुभ होने की दशा में व्यक्ति को रक्त संबंधी समस्या, बात बात पर क्रोध आना, हमेशा गलत काम करने का विचार आना, मारपीट करने जैसे विचार मन में आना है। कभी कभी ऐसा व्यक्ति नियमों को तोड़ने का प्रयास भी करता है।इसके साथ ही मंगल अशुभ हो तो शादी विवाह में भी बाधा डालता है।कभी कभी तलाक का कारण भी मंगल बन जाता है।