कृष्ण जन्मोत्सव इस बार अर्थात वर्ष 2021 में 30 अगस्त 21 को पड रहा है । इस वर्ष गृहस्थ और संन्यासी एक ही दिन जन्माष्टमी पर्व मनाएंगे। गौरतलब है कि अन्य वर्षों में एक दिन गृहस्थ और दूसरे दिन संन्यासी जन्माष्टमी मनाते रहे हैं। खास बात ये है कि कृष्ण भक्तों को इस दिन का इंतजार पूरे साल रहता है।
इस साल सप्तमी, 29 अगस्त की शाम यदि चंद्रोदय के वक्त अष्टमी तिथि का स्पर्श होता तो गृहस्थ इसी दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाते। इस वर्ष चंद्रोदय के वक्त अष्टमी, रोहिणी नक्षत्र आदि शुभ घड़ी 30/8 को ही है।
निर्णय सिंधु के अनुसार द्वापर युग पुरुष श्रीकृष्ण तथा त्रेतायुग पुरुष श्रीराम के जन्मोत्सव पर व्रत अवश्य रहना चाहिए।वर्ष भर अन्य व्रत जो लोग भले ही नहीं करते हों, लेकिन उन्हें भी इन दोनों पर्वों पर व्रत अवश्य करना चाहिए।
व्रत में अन्न के परित्याग से दिमाग के रसायन, जो अन्न के पाचन में व्यय होते हैं, वह बचते हैं। इससे बौद्धिक क्षमता बढ़ती है। इसीलिए सामान्य दिनों में भी हलका भोजन करना चाहिए।
व्रत को विधि विधान से पूरे नियमपूर्वक किया जाना चाहिए। बार बार फलाहार या जलाहार लेने से बचना चाहिए। अर्ध रात्री पूजा के समय पूजा स्थल को पूरा साफ सुथरा कर लेना चाहिए। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार सुंदर तरीके से करना चाहिए। यथासंभव प्रयास होना चाहिए कि पेय पदार्थ (दूध, फल का रस) दो बार और खाद्य-पदार्थ (मेवा, सिंघाड़े के आटे की बनी वस्तु) एक बार ही खाया जाए।
पं पवन कुमार शास्त्री