गुरु का राशि परिवर्तन : अप्रैल माह में गुरु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2022, बुधवार को दोपहर 4 बजकर 57 मिनट पर गुरु कुम्भ राशि से निकल कर अपनी स्वराशि मीन में प्रवेश करेंगे,जहां वे 375 दिन रहेंगे। जल तत्व की राशि मीन में गुरु,मिथुन लग्न, कन्या लग्न, धनु लग्न और मीन लग्न में पैदा हुए लोगों के लिए “ हंस” नामक “पंचमहापुरुष”योग बनाएंगे वंही कर्क लग्न और वृश्चिक लग्न में जन्म लेने वाले जातक के लिए भाग्य शाली योग बनाएंगे।
तो आइये जानते हैं गुरु का राशि परिवर्तन और मीन राशि में गुरु का गोचर मेष लग्न से लेकर मीन लग्न वालों के ऊपर कैसा प्रभाव डालेंगे। क्या होगा गुरी के राशि परिवर्तण का असर ?
मेष लग्न
मेष लग्न वालों के लिए गुरु नवम और द्वादश भाव के स्वामी है और आपके द्वादश भाव से गोचर करेंगे। गुरु आपके लिए कारक ग्रह हैं। आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। धर्म के प्रति आपकी रूचि बढ़ेगी। आपन या वाहन या मकान खरीद सकते हैं। लेकिन आपका भाग्य धोखा दे सकता है। सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करने की जरुरत है। पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह समय वाद विवाद से दूर रहने का है। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। खान-पान पर नियंत्रण रखें। इस समय धैर्य से काम लें।
वृषभ लग्न
वृषभ लग्न वालों के लिए गुरु अष्टम और एकादश भाव के स्वामी है। आपके लिए गुरु अकारक ग्रह है। आपके परिवार के सदस्यों के साथ मन मुटाव हो सकता है। इस समय जीवन में कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। हालांकि आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। धन-लाभ हो सकता है। मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग भी बन रहे हैं। जो लोग अविवाहित हैं उनके लिए विवाह के योग बन रहे हैं। संतान प्राप्ति के भी योग हैं।
मिथुन लग्न
मिथुन लग्न वालों के लिए गुरु सप्तम और दशम भाव के स्वामी है। आपके लिए गुरु दशम भाव में “हंस”नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करेंगें । गुरु का मीन राशि में गोचर आपके व्यावसायिक क्षेत्र को समृद्ध करेगा। आप प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ेंगे, जिनके सहयोग से आपके काम काज में बढ़ोतरी हो सकती हैं। नए उद्यम शुरू करने के लिए यह एक आदर्श समय है। नौकरी पेशा जातकों को उनकी कड़ी मेहनत और कार्य समर्पण के लिए मान्यता और सराहना मिलेगी । व्यवसायी जातकों के लिए भी यह एक अनुकूल अवधि है जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाह रहें हैं ।
कर्क लग्न
कर्क लग्न वालों के लिए गुरु छठे और नवम भाव के स्वामी हैं , नवम भाव भाग्य का घर है और देव गुरु अपने ही भाव में गोचर करेंगे । यह समय आपके लिए भाग्यशाली समय है । चल-अचल संपत्ति और जमीन खरीद-फरोख्त के कारोबार से जुड़े लोग इस अनुकूल अवधि से लाभान्वित होंगे। भवन-मकान खरीदने और निर्माण के लिए यह समय अनुकूल है। आप आमोद प्रमोद हेतु यात्रा पर जा सकते हैं, पर इससे आपका वित्त प्रभावित हो सकता है। इसलिए अनावश्यक खर्च से बचने की आपको सलाह दी जाती है। नए उद्यम शुरू करने या नए निवेश करने के लिए उत्तम अवधि है। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपका प्रमोशन होने की पूरी सम्भावना है।
सिंह लग्न
सिंह लग्न वालों के लिए गुरु पंचम और अष्टम भाव के स्वामी है और गुरु आपके अष्टम भाव से गोचर करेंगे। आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा, अप्रत्याशित स्रोतों से आय का लाभ होगा। आपका झुकाव अध्यात्म की ओर अधिक रहेगा। इस अवधि में आपके संतान को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, जिससे आपको इस अवधि के किसी भी बाधा को दूर करने में सहायता मिलेगी। आपसी संबंध में किसी तीसरे व्यक्ति को शामिल करने से बचें। किसी भी मतभेद या संघर्ष को विश्वास, समझ, धैर्य और आपसी बातचीत से हल किया जाना चाहिए। अपने जीवन शैली का विशेष ध्यान रखें, स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। आपको थायराइड की समस्या हो सकती है।
कन्या लग्न
कन्या लग्न वालों के लिए गुरु चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी है। आपके लिए गुरु सप्तम भाव में “हंस”नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करेंगे। गुरु का मीन राशि में गोचर आपके व्यावसायिक क्षेत्र को समृद्ध करेगा। आप प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ेंगे जिनके सहयोग से आपके काम काज में बढ़ोतरी हो सकती हैं। नए उद्यम शुरू करने के लिए यह एक आदर्श समय है। अविवाहित जातकों का विवाह होने के योग बन रहें हैं । विवाहित जातकों को जीवन के सुख और आनंद की प्राप्ति होगी। इस अवधि के दौरान पारिवारिक व्यवसाय फल-फूलेंगे। आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ मनोरंजक आनंद यात्राएं कर सकते हैं।
तुला लग्न
गुरु आपके तीसरे और छठे भाव का स्वामी है। गुरु आपके लिए अकारक है। इस समय आपको मिले- जुले परिणाम मिलेंगे। यह समय धैर्य रख काम करने का है । इस समय सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। इस समय अपने जीवनशैली का विशेष ध्यान रखें, स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। आपको पेट सम्बन्धी रोग हो सकता है। हालाँकि बेरोजगार जातकों को नौकरी के प्रस्ताव या नौकरी मिलने में सफलता मिलेगी। नौकरी पेशा व्यक्तियों को उनके वरिष्ठों द्वारा उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए पदोन्नति और वेतन वृद्धि द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।
वृश्चिक लग्न
गुरु आपके लिए दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है। यह समय आपके लिए भाग्यशाली समय है।चल-अचल संपत्ति और जमीन खरीद-फरोख्त के कारोबार से जुड़े लोग इस अनुकूल अवधि से लाभान्वित होंगे। भवन-मकान खरीदने और निर्माण के लिए यह समय अनुकूल है।
आप को विभिन्न स्रोतों से धनार्जन होने के योग हैं। आपके अपने बच्चों के साथ संबंध और गहरे होंगे, नजदीकी बढ़ेगी, और उनकी उपलब्धियां आप को गर्व महसूस कराएंगी। छात्रों के लिए एक उल्लेखनीय अवधि होगी क्योंकि वे अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में सफलता प्राप्त करेंगे। वे उत्कृष्ट गुणों के साथ अपनी परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे। आप आमोद प्रमोद हेतु यात्रा पर जा सकते है। नए उद्यम शुरू करने या नए निवेश करने के लिए उत्तम अवधि है। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपका प्रमोशन होने की पूरी सम्भावना है।
धनु लग्न
धनु लग्न वालों के लिए गुरु लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और आपके चौथे भाव से गोचर करेंगे। आपके लिए गुरु चौथे भाव में “हंस” नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करेंगे। आपके जीवन में जबरदस्त बदलाव आएगा। गुरु का मीन राशि में गोचर आपके व्यावसायिक क्षेत्र को समृद्ध करेगा। आप प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ेंगे जिनके सहयोग से आपके काम काज में बढ़ोतरी हो सकती हैं। नए उद्यम शुरू करने के लिए यह एक आदर्श समय है। आपको भरपूर पारिवारिक सुख प्राप्त होगा और आप अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। संपत्ति में निवेश करने या नवीनीकरण शुरू करने का यह एक उत्तम समय है। इस अवधि में व्यापार में वृद्धि संभव हैं।
Read also- विरासत संवाद- ॐ मंत्र के सही उच्चारण से मधुमेह के रोगी लाभान्वित हो सकते हैं : कृष्णा नारायण
मकर लग्न
मकर लग्न वालों के लिए गुरु तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी हैं और गुरु आप के तीस रे भाव से गोचर करेंगे यह समय आपके अंदर सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। कारोबारियों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में हर किसी पर भी भरोसा करने से नुकसान हो सकता है। हालाँकि, नौकरी पेशा जातकों के लिए समय शुभ हैं, क्योंकि उनके परिश्रम और प्रयास रंग लाएंगे। व्यापार विस्तार के लिए यह समय अनुकूल है। अपने परिजनों और दोस्तों के साथ अनावश्यक विवाद से बचें। जीवन साथी के साथ समय व्यतीत करें।
कुम्भ लग्न
कुम्भ लग्न वालों के लिए गुरु द्वितीय और एकादश भाव के स्वामी हैं और आपके धन भाव से गोचर करेंगे। व्यवसायी/कारोबारियों के लिए यह समय अति शुभ है। व्यवसाय फले-फूलेंगे, और जातक उत्कृष्ट धन लाभ अर्जित करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता और सुधार होगा क्योंकि आप अधिक बचत करने में सक्षम होंगे। आपके सभी प्रयासों में आपका परिवार आपका पूरा समर्थन करेगा। व्यवसाय विस्तार केलिए यह भाग्यशाली समय है। आपको विरासत स्वरुप पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है, जिस से धन लाभ संभव है। अपने जीवन शैली का विशेष ध्यान रखें, स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। आपको थायराइड की समस्या हो सकती है।
मीन लग्न
गुरु का राशि परिवर्तन : मीन लग्न वालों के लिए गुरु लग्न और दशम भाव के स्वामी हैं और लग्न में ही गोचर करेंगे। आपके लिए यह समय अति भाग्यशाली है। आपके लिए गुरु लग्न में ही हंस नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करेंगे। गुरु का मीन राशि में गोचर आपको बल प्रदान करेगा, और आप इस अवधि के दौरान सशक्त और अधिक आत्म विश्वासी हो कर उभरेंगे। अन्य लोगों पर आपका करिश्माई प्रभाव पड़ता है, फलस्वरूप लोग आप का मार्गदर्शन/सलाह प्राप्त कर सकते हैं। आप प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ेंगे जिनके सहयोग से आपके कामकाज में बढ़ोतरी हो सकती हैं। नए उद्यम शुरू करने के लिए यह एक आदर्श समय है। आपको अपना वजन नियंत्रण में रखना होगा और अपने खान पान की आदतों में सुधार लाना होगा।
मृत्युंजय शर्मा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और ज्योतिष के जानकार हैं)