इंसान में अहंकार स्वभाविक प्रवृति है। यहां यह भी जानना जरूरी है कि ग्रह और अहंकार एक दूसरे से जुड़े हैं। किसी को वैभवशाली परंपरा और खानदान का अहंकार होता है तो कोई अपने संतान की उन्नति पर अहंकार से भरा रहता है। कोई अपनी शक्ति तो कोई अपनी समृद्धि तो कोई अपनी बुद्धि पर अहंकार करता है।
इस तरह देखें तो किसी न किसी अहंकार से हर कोई ग्रसित है। दिल्ली के ज्योतिषी मृत्युंजय शर्मा की मानें तो अलग अलग ग्रह के कारण अलग अलग तरह के अहंकार पैदा लेते हैं।
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मृत्युंजय शर्मा बताते हैं कि सूर्य ग्रह के कारण वैभवशाली परंपरा और बड़े खानदान का अहंकार पैदा होता है। सूर्य से मिला अहंकार संतान से जुड़ी समस्या भी पैदा करता है!
चन्द्रमा : चन्द्रमा गुणों का अहंकार पैदा करता है। ये अहंकार अक्सर किस्मत को बिल्कुल उल्टा कर देता है!
मंगल : मंगल शक्ति का अहंकार पैदा करता है! ये अहंकार रिश्तों से जुड़ी समस्याएं देता है!
बुध : बुध योग्यता और बुद्धि का अहंकार देता है! ये अहंकार धन के बड़े नुकसान का कारण बनता है।
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बृहस्पति : बृहस्पति ज्ञान और पारिवारिक हैसियत का अहंकार देता है! इस अहंकार की वजह से लोग अपनी वाणी पर नियंत्रण खो देते हैं। ये अहंकार अक्सर अपयश का कारण बनता है!
शुक्र : शुक्र रूप-सौंदर्य और शान-ओ-शौकत का अहंकार देता है! इस अहंकार की वजह से अचानक पैसों का बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है।
शनि :शनि काम करने की योग्यता का अहंकार देता है! ये अहंकार करियर में उतार-चढ़ाव की वजह बनता है