क्या आपको पता है कि देव परिक्रमा करते हुए देवताओं के पृष्ठ भाग का दर्शन पुण्यबल को नष्ट करता है।  देव परिक्रमा के दौरान सिर्फ सनमुख होकर आ...
धर्म-ज्योतिष

जानें देव परिक्रमा का सही तरीका क्या है

क्या आपको पता है कि देव परिक्रमा करते हुए देवताओं के पृष्ठ भाग का दर्शन पुण्यबल को नष्ट करता है।  देव परिक्रमा के दौरान सिर्फ सनमुख होकर आराध्य को नमन करें, पीछे से दर्शन न करें

 सनातन संस्कृति को मानने वाले मंदिरों में देवी-देवताओं के प्रति आस्थावान हो कर मूर्तियों की परिक्रमा करते हैं। लेकिन अनजाने में लोग परिक्रमा करते हुए मूर्ति के पृष्ठभाग का भी दर्शन करते हैं और प्रणाम भी करते हैं। लेकिन इसे धर्म विशेषज्ञ उचित नहीं मानते।

 धर्म विशेषज्ञ यथेष्ट तर्क और दृष्टांत दे कर कर्मफल, सतकर्म व सद्भाव वृद्धि में आशातीत उन्नति, सफलता, समृद्धि हो इसलिए मूर्ति परिक्रमा के दौरान पीछे से नमन वर्जित करने की सलाह दी है। देवी-देवता के पीठ का दर्शन या नमन नहीं करने की सलाह देते हैं।

पटना निवासी और देशभर भर में चर्चित आध्यात्मिक गुरु पं.गणेश कांत झा का मानना है कि समुख मुद्रा प्रणाम से समस्त अर्जित पुण्य की वृद्धि होती है, लेकिन इसके विपरीत करने पर सत्कर्म ह्रास की आशंका रहती है, वो पवित्र ग्रंथ भागवत के एक दृष्टांत से समझाने का प्रयास भी करते हैं।  

 प्रसंगवश वो उदाहरण देते हुए कहते हैं कि जब जरासंध की ओर से प्रतापी असुर कालयवन युद्ध के लिए आतुर था लेकिन भगवान कृष्ण उसका वल क्षरण हेतु मन बना चुके थे। उस दानव का पुण्य प्रताप भी अधिक था, इसलिए पहले पुण्य का क्षय किया भगवान कृष्ण ने।

पं.झा ने बताया कि राक्षस वध से पूर्व कालयवन का समस्त पुण्य वल छीन लेने से ही उसकी दशा दयनीय हो सकती थी।  अतः कृष्ण भगवान युद्ध भूमि का परित्याग कर उसके सामने पलायन करने लगे। स्वाभाविक रूप से भगवान का पीछा करते हुए राक्षस लंबी दूरी तक गया। उस वक्त उसका ध्यान भगवान के पृष्ठ भाग पर केंद्रीत था। भगवान ने शैतान को तबतक पीछे लगाये रखा जब तक उसका अर्जित पुण्य का फल पृष्ठ भाग के दर्शन से समाप्त नहीं हो गए। पुण्यबल के समापन के बाद ही कालयवन काल के गाल में सम सका।.

इसलिए सनातन संस्कृति में किसी भी व्यक्ति को पीठ पीछे से टोकने की मनाही है और किसी भी देवी-देवता की परिक्रमा स्थली पर पृष्ठ भाग देखना या वहीं से नमन करना निषेध माना गया है। मतलब कर जोड़ कर परिक्रमा करें, लेकिन इस दौरान उनकी पीठ का दर्शन नहीं करें।

शंभुदेव झा
शंभुदेव झा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.