भोजन में बाल निकलना कहीं कोई संकेत तो नहीं ? आपने भी देखा होगा कभी किसी एक ही परिवार में,एक ही बर्तन में बना भोजन सबको पड़ोसा जाता है, लेकिन किसी एक की थाली में बाल निकल आता है। …और अगर आप गौर करेंगे तो पाएँगे कि उसी व्यक्ति की थाली में अक्सर बाल निकलते रहते हैं। कभी आपने सोचा है ऐसा क्यों होता है।
तो आइए जानते हैं को एक ही किचन में और एक ही बर्तन में बने भोजन जब अलग अलग थाली में परोसा जाता है तो क्यों एक ही व्यक्ति की थाली में बार-बार बाल निकल आते हैं।
तो अब जानिए ऐसा होता क्यों है? मान्यता यह है जब एक ही व्यक्ति की थाली में बार-बार बाल निकले या निकलता रहे तो वह व्यक्ति पितरों के ऋण के कारण अभिशप्त है। मतलब वह पितृ ऋण दोष का शिकार है। उसकी जन्म कुंडली देखने सर यह प्रमाणित भी हो जाएगा कि उसकी कुंडली में पितृ ऋण दोष है।
पितृ ऋण दोष के दुष्परिणाम
पितृ दोष होने पर डिप्रेसन, व्यापार में घाटा, परिश्रम के अनुसार फल न मिलना, विवाह या वैवाहिक जीवन में समस्याएं, कैरिअर में समस्याएं आम होती हैं। सच कहा जाए तो जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्ति और उसके परिवार को बाधाओं का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष होने पर अनुकूल ग्रहों की स्थिति, गोचर, दशाएं होने पर भी शुभ फल नहीं मिल पाते हैं, चाहे कितना भी पूजा पाठ, देवी, देवताओं की अर्चना की जाए, उसका शुभ फल नहीं मिल पाता है।यहां तक कि जरूरत पड़ने पर पैतृक संपत्ति तक नहीं बिक पाती है। मतलब किसी न किसी बहाने कष्ट होता ही रहता है।
पितृ ऋण दोष से मुक्ति के उपाय – जिन लोगों को पितृ दोष के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें षोडश पिंड दान, सर्प पूजा, ब्राह्मण को गौ-दान, कन्या-दान, कुआं, बावड़ी, तालाब आदि बनवाना, मंदिर प्रांगण में पीपल, बरगद आदि का दिव्य पौधे लगवाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों क्रोध कम जाता है या शांत हो जाता है। और इस दोष का दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
इसके अतिरिक्त-पौराणिक ग्रंथों में पितरों की संतुष्टि के लिए मंत्र, स्तोत्र एवं सूक्तों का वर्णन है, जिसके नित्य पाठ करने से किसी भी प्रकार की पितृ बाधा क्यों ना हो, शांत हो जाती है। अगर नित्य पाठ संभव ना हो, तो कम से कम प्रत्येक माह की अमावस्या और आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को तो अवश्य करना चाहिए। वैसे तो कुंडली में किस प्रकार का पितृ दोष है उस पितृ दोष के प्रकार के अनुसार पितृदोष की शांति करवाना अच्छा रहता है।
मुकेश महान (लेखक से मोबाइल न. 9097342912 पर संपर्क किया जा सकता है)