धर्म-ज्योतिष

जानें महामृत्युंजय मंत्र के 8 विशेष प्रयोग

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

ऊपर महामृत्युंजय मंत्र वर्णित है। इस मृत्युंजय मंत्र का सीधा अर्थ है मृत्यु पर भी विजय करने वाला अर्थात मृत्यु को जीतने वाला मंत्र । महामृत्युंजय मंत्र भगवान रूद्र का एक सर्वशक्तिशाली और साक्षात् प्रभाव देने वाला सिद्ध मंत्र है। अधिकांशतः लोग इससे परिचित भी हैं। समान्यतया अच्छे स्वास्थ के लिए, असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए और अकाल मृत्यु-भय से रक्षा के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है या कर्मकांडी ब्राह्मणों से इसका अनुष्ठान कराया जाता है।
यह मंत्र न केवल अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए बल्कि जीवन की और भी बहुत सी बाधाओं से मुक्ति देने में अपना चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है।
यहां ऐसे ही कुछ प्रभावों की चर्चा की जा रही है, जो आपके लिए उपयोगी हो सकता है। यदि किसी का स्वास्थ समान्य से अधिक और हमेशा ही खराब रहता है तो नित्य इस मृत्युंजय मंत्र का जाप करें अवश्य लाभ होगा।
बीमारी या रोगों के कारण जब जीवन संकट वाली स्थिति में आ जाये तो इस मंत्र का जाप करें या अनुष्ठान कराएं। सकारात्मक फल मिलेगा।
जिन लोगों के साथ बार बार दुर्घटनाएं की स्थिति बनती हो, ऐसे लोगों के जीवन में महामृत्युंजय मंत्र का नित्य जाप करना बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन लाता है।
जिन लोगों को डर भय और फोबिया की समस्या हो, ऐसे लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत शुभ परिणाम देता है।
एक सफ़ेद कागज पर लाल कलम से महामृत्युंजय मंत्र लिखें, एक दिन के लिए अपने पूजास्थल पर रखें और फिर हमेशा वाहन चलाते समय इसे अपने ऊपर वाले जेब में रखें, दुर्घटनाओं से हमेशा आपकी रक्षा होगी।
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग होता है और इसके दुष्प्रभाव के कारण जीवन में संघर्ष रहता हो उनके लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप अमृत-तुल्य होता है।
कुंडली में चन्द्रमा पीड़ित या कमजोर होने पर उत्पन्न होने वाली मानसिक समस्याओं में भी इस मंत्र का जाप बहुत शुभ परिणाम देता है।
इसके अतिरिक्त यह भी जानना जरूरी है कि महामृत्युंजय मंत्र के ८ विशेष प्रयोग की ध्वनि से घर से सभी नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती हैं। नतीजतन घर में हंसी खुशी और समृद्धि का माहौल बना रहता।

ज्योतिषविद् पवन कुमार शास्त्री (लेखक ज्योतिष और कर्मकांड के जानकार हैं।)