चिता भस्म आरती देखने उज्जैन में शिवरात्रि पर भीड़ उमड़ती है। महाशिवरात्रि आने ही वाला है व अभी से उज्जैन नगर के श्रद्धालु अपने आराध्य की बारात की तैयारी को यादगार बनाने में जुट गए हैं। औघरदानी भगवान शिव झरोखा,भूत-पिशाच, निशाचर व गणों का मुखौटा तैयार किया जा रहा है ताकि नीयत तिथि पर शिवबारात में किसी प्रकार की त्रुटि न रह जाए।
सभी को विदित है कि शिव को भस्म आरती अत्यंत प्रिय है और चिता भस्म के लिए प्रतिदिन पौ फटने से पहले ही ताजा चिता राख से महाकाल का अभिषेक परंपरानुसार किया जाता रहा है।
शिप्रा नदी तट सदा से बाबा के इस औघड़ स्वरूप का साक्षी रही है। संपूर्ण भारत में यह अनोखा शिवमंदिर है, जहां ब्रह्ममुहूर्त में ही भस्मांगरागाय का नैसर्गिक आनंद लोगों को खींच ले आता है। यूं तो यहां स्थित नागचंद्रेश्वर के दर्शन केवल नाग पंचमी पर ही होते हैं, जो भक्तों के लिए असीम सुख-शांति दायक माना जाता है।
Read also –अद्भुत है महाकाल की पालकी
आकाशे तारकंलिंगं पाताले हाट- केश्वरम् मृत्युलोके च महा-कालौ,लिंगत्रय नमोस्तुते
दक्षिणाभिमुख रहने के कारण यहां खास तांत्रिक साधना की जाती है। शिवरात्रि समारोह के दौरान यहां का नयनाभिराम व अविस्मरणीयदृष्य मन को झंकृत कर देता है। माह भर पहले से की जा रही शिव रात्रि की तैयारी का जायजा लेने के लिए क्षेत्रीय सांसद,मंत्री व हाकिम समेत कलाकार सभी उतावले रहते हैं।