देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिव मन्दिरों में लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। विद्वानों का कहना है कि इस वर्ष मह...
धर्म-ज्योतिष

सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई गई महाशिवरात्रि, शिवमंदिरों में उमड़ी भीड़

बेंगलुरु, जितेन्द्र कुमार सिन्हा। देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिव मन्दिरों में लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। विद्वानों का कहना है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का अद्भुत संयोग है। शनि प्रदोष व्रत पुत्र कामना के लिए रखा जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष होने से भगवान शिव जल्द ही मनोकामना पूर्ण करते हैं। साथ ही यह व्रत शनि दोष दूर करने के लिए भी बहुत ही उत्तम माना गया है।

 भगवान शिव को कुछ लोग “मखाने की खीर”, तो कोई “लस्सी”, कोई “मालपुआ”, कोई “हलवा” और “ठंढई” चढ़ा रहे थे। मान्यता है कि भगवान शिव को भोग में यदि “हलुआ” सुज्जी या कुट्टू के आटा का चढ़ाया जाए तो भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की इच्छाएं जल्द पूरी कर देते हैं।

 प्रदोष व्रत के संबंध में कहा गया है कि संध्या का वह समय जब सूर्य अस्त होता है और रात्रि का आगमन होता है यानि गोधूली बेला को प्रदोष काल कहा जाता है। इस समय समय शिव साक्षात प्रकट होते हैं और प्रदोष व्रत करने से चंद्रमा के अशुभ असर और दोषों से छुटकारा मिलता है। चंद्रमा मन का स्वामी होता है इसलिए चंद्रमा संबंधी दोष दूर होने से मानसिक शांति और प्रसन्नता मिलती है। शरीर का ज्यादा हिस्सा जल है, इसलिए चंद्रमा के प्रभाव से सेहत अच्छी होती है।

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 महाशिवरात्रि के अवसर पर बेंगलोर के होसकोटे में और मैसुरू-बेंगलोर में “भजन संध्या” का आयोजन किया गया है वहीं कर्नाटका की ओर से  माचोहल्ली मागडी रोड स्थित अखिल भारतीय जाट समाज भवन में “जागरण” का आयोजन किया गया। विवाह उत्सव की जगह जगह शुक्रवार की रात से ही झांकियां निकाली जा रही है, जिसमें सैंकड़ों लोग उत्साह के साथ शामिल देखे जा रहे हैं। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) द्वारा महाशिवरात्रि के दिन मांस की बिक्री और जानवरों की हत्या (पशु वध) पर प्रतिबंध लगाया गया है। बुचरखानों को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है।

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 ज्यादा भीड़ भाड़ वाले मंदिरों में बैरिकेड लगाया गया है और श्रद्धालु उस बैरिकेट की सहायता से कतारबद्ध हो कर भगवान शिव का दर्शन कर रहे हैं। जगह जगह सीसीटीवी कैमरे से निगरानी भी रखी जा रही है। जिन मंदिरों में चाक चौकंद व्यवस्था की गई है उनमें चोलवंश के राजाओं द्वारा निर्मित नेलमंगला स्थित “मुक्ति नाथेश्वर मंदिर”, हलसुरु स्थित “सोमेश्वर मंदिर” एवं “मल्लेश्वर मंदिर”, वहीं हनुमंतनगर के नजदीक 16वीं शताब्दी में केम्पेगौड़ा द्वारा निर्मित “गवि गंगाधरेश्वर मंदिर”, बंनशंकरी स्थित “धर्मगिरी मंजुनाथ स्वामी मंदिर” प्रमुख है। 

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.