उज्जैन, अनमोल कुमार। इस साल 22 मार्च से शुरु हो रहा है नव संवत्सर 2080 । 22 मार्च बुधवार को गुड़ी पड़वा मां आदिशक्ति की भक्ति आराधना का महापर्व पर्व आंनद उत्साह से मनाया जाएगा। सनातन हिंदू धर्म संस्कृति वेदिक पंचांग, सूर्य मास, चंद्र मास, चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा और गुड़ी पड़वा विशिष्ट नये साल की शुरुआत का प्रतीक है। यह भारत के अलग-अलग हिस्सों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है।
वसंतोत्सव प्रकृति के फलने-फूलने के साथ कटाई फसल कटाई का भी समय है। घरों में लोकप्रिय विशेष व्यंजन बनाकर त्योहार मनाने की पंरपरा है। इसी दिन आम और नीम के पत्ते द्वार पर बांधे जाने की परंपरा है।महिलाएं घरों में सजावट करती हैं और रांगोली बनाती हैं। मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने ब्रह्माण्ड ओर समय का निर्माण किया था।
मातंगी ज्योतिष केंद्र के ज्योतिर्विद पंडित अजय व्यास के अनुसार इस बार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 6-29 से 7-39 तक है। चैत्र मास में मां जगदंबा नोका पर सवार होकर सर्वसिद्धिदायक योग में आ रही हैं, जो विजय का प्रतीक है। संवत्सर 2080 का नाम नल, राजा बुध हैं और मंत्री शुक्र। जो मित्र ग्रह होने से व्यापार-व्यवसाय में सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगे। साथ ही स्वास्थ्य शिक्षा लाभ और देश की प्रगति के कारक हैं। हां, अप्रैल मई में चांडाल योग बनेगा गुरु और राहु मेष राशि में रहेंगे साथ ही स्वग्रही शनि की टेड़ी दृष्टि भी पड़ेगी। इससे जल, थल, नभ, एवं कुछ राज्य में गर्मी, आंधी, तूफान अधिक देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही भूकंप, विदेशों में आगजनी एवं युद्ध जैसे हालात बनेंगे।
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इस नव संवत्सर 2080 में अपनी राशि अनुसार माता की आराधना कर त्वरित लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मेष राशि-मां स्कंद माता, वृषभ राशि- मां महागौरी माता, मिथुन राशि – मां ब्रह्म चारिणी, कर्क राशि – मां शैलपुत्री, सिंह राशि – मां कुष्मांडा माता, कन्या राशि – मां ब्रह्मचारिणी, तुला राशि – मां महागौरी, वृश्चिक राशि – मां कुष्मांडा, धनु राशि – मां चंद्रघंटा, मकर राशि – मां कालरात्रि, कुंभ राशि – मां कालरात्रि, मीन राशि- मां चंद्रघंटा की पूजा अराधना से विशेष लाभ उठा सकते हैं।