रक्षाबंधन बंधन 2022 : इस बार ग्रह-गोचर ने बिगाड़ दिया है भाई-बहन का पर्व रक्बंषाधन। इस वर्ष लोगों के बीच यह संशय व्याप्त है कि रक्षाबंधन 11...
धर्म-ज्योतिष

रक्षाबंधन बंधन 2022 : जानें, इसबार राखी का का शुभ समय कब है

रक्षाबंधन 2022 : इस बार ग्रह-गोचर ने बिगाड़ दिया है भाई-बहन का पर्व रक्बंषाधन। इस वर्ष लोगों के बीच यह संशय व्याप्त है कि रक्षाबंधन 11 अगस्त को होगी या 12 अगस्त को। ब्राह्मणों की माने तो कोई 11 और कोई 12 बता रहे हैं। इस संदर्भ में मार्कण्डेय शारदेय का कहना है कि रक्षाबंधन श्रावणी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इस वर्ष चतुर्थी 11 अगस्त को प्रातः 9.30 बजे तक है, उसके बाद पूर्णिमा शुरू होकर 12 अगस्त को प्रातः 7.15 बजे तक रहेगा और उसके बाद प्रतिपदा शुरू हो जायेगा। उनका कहना है कि समय में थोड़ा आगे पीछे हो सकता है, क्योंकि हर पञ्चांग में थोड़ा-थोड़ा अंतर रहता है। लेकिन रक्षाबंधन न तो चतुर्थी को और न ही प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 11 अगस्त को 9.30 बजे चतुर्थी समाप्त हो कर पूर्णिमा शुरू हो रहा है, लेकिन साथ ही साथ भद्रा भी प्रवेश कर रहा है और भद्रा 11 अगस्त को 8.30 बजे रात तक रहेगा, भद्रा काल में रक्षाबंधन और होलिका दहन वर्जित है।

  रक्षाबंधन 2022 : मार्कण्डेय शारदेय का कहते हैं कि भद्रा का असर स्वर्ग लोक में शुभ, पाताल लोक में धन और पृथ्वी लोक में मृत्यु होता है। इसलिए इस वर्ष चतुर्थी 11 अगस्त को प्रातः 9.30 बजे तक, उसके बाद भद्रा काल 11 अगस्त को रात को 8.30 बजे तक तथा 12 अगस्त को प्रातः 7.15 बजे के बाद प्रतिपदा शुरू हो जायेगा, इस अवधि में रक्षाबंधन वर्जित है। मार्कण्डेय शारदेय का कहते हैं कि रक्षाबंधन का शुभ समय 11 अगस्त को रात 8.30 बजे से लेकर 12 अगस्त को प्रातः 7.15 बजे तक ही बनता है।

रक्षाबंधन हिन्दू श्रावण मास में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षाबंधन भाई का बहन के प्रति प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाइयों की कलाई में राखी बांध कर उनकी दीर्घायु होने के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। बहन दीर्घायु होने के लिए भगवान से प्रार्थना इसलिए करती है कि विपत्ति आने के दौरान वे उनकी (अपनी बहन की) रक्षा कर सकें। राखी बांधने के बदले में भाई, अपनी बहन की हर प्रकार के अहित से रक्षा करने का वचन देते हुए पारम्परिक उपहार देते हैं।

 रक्षाबंधन मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है। भारत के अतिरिक्त दूसरे देशों में जैसे-नेपाल में भी भाई बहन के प्यार का प्रतीक मानकर खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

रक्षाबंधन 2022 : रक्षाबंधन का इतिहास पौराणिक कथाओं के अनुसार कुछ इस प्रकार है। शिशुपाल का वध करते समय श्रीकृष्ण की तर्जनी में चोट आ गई, तो द्रौपदी ने लहू रोकने के लिए अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दी थी, इस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था और श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा करने का वचन दिया था, जिसे श्रीकृष्ण ने महाभारत में पांडव पत्नी द्रौपदी के चीरहरण के समय उनकी लाज बचाकर यह कर्ज चुकाया था। इस प्रकार भाई-बहन का बंधन विकसित हुआ था। उसी समय से राखी बांधने का परम्परा शुरू हुई।

 इतिहासकारों के अनुसार रक्षाबंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत की कथा रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ से भी जुड़ी है।

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 मध्यकालीन युग में राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। उस समय चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख हुमायूं को राखी भेजी थी, तब हुमायूं ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था।

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वर्तमान में रक्षाबंधन जीवन की प्रगति और मैत्री की ओर ले जाने वाली एकता का एक बड़ा पवित्र पर्व माना जाता है। रक्षा का अर्थ है बचाव, और मध्यकालीन भारत में जहां कुछ स्थानों पर, महिलाएं असुरक्षित महसूस करती थी, तो वे पुरूषों को अपना भाई मानते हुए उनकी कलाई पर राखी बांधती थी। इस प्रकार राखी भाई और बहन के बीच प्यार के बंधन को मजबूत बनाती है और भावनात्मक बंधन को पुनर्जीवित करती है।

 धार्मिक स्तर पर रक्षाबंधन के दिन ब्राह्मण अपने पवित्र जनेऊ को बदलते हैं और एक बार पुन: धर्म ग्रंथों के अध्ययन के प्रति स्वयं को समर्पित करते हैं।

जितेंद्र कुमार सिन्हा
जितेन्द्र कुमार सिन्हा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.