महाशिवरात्री पर विशेष, शिव का शरभ अवतार । ऊं नमः शिवाय के उच्चारण मात्र से आंतरिक सुख की अनुभूति व रहस्यमय स्फूर्ति से भला कौन अपरिचित हो...
धर्म-ज्योतिष

शिव अवतार : भगवान नृसिंह के क्रोध को शांत करने के लिए शिव ने लिया शरभ अवतार

महाशिवरात्री पर विशेष, शिव का शरभ अवतार । ऊं नमः शिवाय के उच्चारण मात्र से आंतरिक सुख की अनुभूति व रहस्यमय स्फूर्ति से भला कौन अपरिचित हो सकता है लेकिन कई शिव भक्त उनके शरभ अवतार की कथा को पुनः अपने स्मरण में यथा संभव रखना चाहते होंगे।

कथानक को आगे बढ़ाते हुए यह कहा गया है कि हिरण्यकश्यप के बध उपरांत भी भगवान विष्णु का क्रोध उफान पर था, जिसे देखकर भक्त प्रह्लाद को देवताओं ने नम्र निवेदन किया.प्रह्लाद से भी नृसिंह शांत नहीं हो पाये तब सभी देवता मिल कर भगवान शंकर से नृसिंह देव को शांत करने का आग्रह ले उनकी कुटिया में आ गये तत्काल शिव ने प्रलयंकारी भैरवरूपधारी महाबली वीरभद्र को शांतिवेश में शिव का अनुनय सुनाने का आग्रह कर नृसिंह के पास भेजा। आज्ञानुसार वीरभद्र ने उनसे अब शांत रहने का आग्रह किया. परंतु नृसिंह ने उनकी एक न सुनते हुए खुद को सभी शक्तियों से संपन्न व प्रवर्तक-निवर्तक कहते हुए शिव की उपेक्षा कर डाली। यह जानकर शिवदूत वीरभद्र सहम गये। विष्णु को अडिग देख शिव क्रोधित हो गये।

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अगले ही पल शिव के तेज पुंज ने एक आकार ग्रहण कर लिया। यह आकार अजीब और विशाल तो था ही भयानक ताकतवर भी था। हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार भगवान शिव का यही अवतार शरभ या शर्भेश्वर कहलाया। इस शरभ के शरीर का आधा भाग शेर का, आधा भाग मनुष्य का तथा शेष भाग शरभ नामक पक्षी का था। यह पक्षी एक जंगली पक्षी था, जो शेर से भी ज्यादा शक्तिशाली था और जिसके आठ पैर थे। संस्कृत साहित्य के अनुसार यह अवतार दो पंख, चोंच, सहस्र भुजा, शीश पर जटा, मस्तक पर चंद्र से युक्त थे। वे सिंह और हाथी से भी अधिक शक्तिशाली माने जाते हैं। वे किसी घाटि को एक ही छलांग में पार कर सकने की क्षमता रखते थे। शिवपुराण और अन्य पुराणों में इनकी कथा का वर्णन आता है।

 कथा के अनुसार शिव के इसअवतार ने भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार को शिव के शरभ अवतार ने धर दबोचा। शरभ रूप में नृसिंह की ताकत हर ली गई। शिव ने उन्हें उठा कर कैलाश पर्वत पर वृषभ के कदमों में डाल दिया।

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 देखते ही देखते नृसिंह का क्रोध शांत पड़ गया तथा देवताओं ने इस अवतार की पूजन की। तभी से उग्र शिव की सौम्य पूजन शरभ अवतार के रूप में की जाने लगी। आज भी शैवों द्वारा शरभ शिव की आराधना अभिष्ट सिद्धि के लिए अनुष्ठान पूर्वक की जाती है।

शंभुदेव झा
शंभु देव झा (लेखक वरीष्ठ पत्रकार हैं )
Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.