श्रावण मास(shravan month) को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने (shravan month) में विवाह सम्बंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण माह में कठोरतप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था। यह महीना भगवान शिव के पूजन लिए खास महत्व रखता है।इसी माह से चातुर्मास की शुरुआत होती है। यह माह चातुर्मास के चार महीनों में बहुत शुभ माना जाता है।
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श्रावण मास(shravan month) में भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव इस माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत महत्व है।श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार श्रावण भी मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इसे मनोकामनाओं को पूरा करने का महीना भी कहा जाता है। इस माह में सोमवार का व्रत और श्रावण मास स्नान की भी परंपरा है।
श्रावण मास(shravan month) में सोमवार का महत्व
सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का बहुत महत्व माना जाता है।शिव पुराण के अनुसार जो भी इस माह में सोमवार का व्रत करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की कृपा से विवाह सम्बंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद लेकर आता है। माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण मास में कठोर तप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था.
पं. पवन कुमार शास्त्री