Special on Sawan : आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं कि ऐसा क्या करें जिस से हमें अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो ! किस देवी-देवता की पूजा-प्रार्थना करें कि हमारे दुश्मन समाप्त हो जाएँ
शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए सबसे सरल उपाय है भगवान् शिव का, सरसो के तेल से अभिषेक। रुद्राभिषेक का मतलब है भगवान रुद्र का अभिषेक.यानि कि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। रुद्राभिषेक करना शिव आराधना का सर्वश्रेष्ठ तरीका माना गया है। शिवपुराण में सनकादि ऋषियों के पूछने पर स्वयं भगवान शिव ने अभिषेक का महत्व बताते हुए कहा है कि सभी प्रकार की आसक्तियों से रहित होकर जो मेरा अभिषेक करता है वह सभी कामनाओं को प्राप्त करता है।
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यजुर्वेदीय ऋचाओं के साथ भगवान का अभिषेक करने से भगवान आशुतोष शीघ्र प्रसन्न होते हैं।अभिषेक से मनुष्य की अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की कामना की सिद्धि होती है।
शास्त्रों में अलग अलग कामनाओं की प्राप्ति के लिए अनेक प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक का वर्णन है–
१. आजकल लोग शत्रुओं से परेशान रहते हैं । छोटी छोटी बातों पर शत्रुता बढ़ जाती है मामला कोर्ट कचहरी तक पंहुच जाता है, एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं।ऐसे में अगर शनिवार को शुभ मुहूर्त में भगवान् शिव का सरसो के तेल से अभिषेक किया जाता है तो धीरे धीरे शत्रु समाप्त हो जाते हैं और शत्रुओं का अंत हो जाता है।
2 – शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर भरपूर जलवृष्टि होती है। जल से अभिषेक करने से तेज ज्वर से भी शांत हो जाता है।
3 – लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से भगवान का अभिषेक करना चाहिए।
4 – गाय के दूध से अभिषेक करने पर सर्व सिद्धि प्राप्त होती है।
5 – शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर बुद्धि की जड़ता समाप्त हो जाती है और बुद्धि श्रेष्ठ होती है।
6 – शहद से अभिषेक करने पर पापों का नाश हो जाता है। तापादी रोग से छुटकारा मिलता है।
7 – घी से अभिषेक करने पर जीवन में आरोग्यता आती है और वंशवृद्धि होती है।
8 – सरसों के तेल के भगवान का अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है।
9 – मोक्ष की कामना के लिए तीर्थों के जल द्वारा अभिषेक किया जाता है।
इन रसों द्वारा शुद्ध चित्त के साथ विधानुसार भगवान शिव का अभिषेक करने पर भगवान भक्त की सभी कामनाओं की पूर्ति करते हैं। श्रावण महीने में या शिवरात्री पर्व के अवसर पर भगवान शिव का अभिषेक विशेष फलदायी होता है।