कुछ बातें ईसा मसीह के बारे में। विभिन्न धर्म के लोग भारत में रहते हैं, जिनमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन प्रमुख हैं। यही कार...
धर्म-ज्योतिष

ईसा मसीह का नाम एमानुएल था और इस शब्द का अभिप्राय मुक्ति से है

कुछ बातें ईसा मसीह के बारे में। विभिन्न धर्म के लोग भारत में रहते हैं, जिनमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन प्रमुख हैं। यही कारण है कि सभी तरह के पर्व, धर्म निरपेक्ष भारत में मनाया जाता है। इनमें ईसाई धर्म के लोगों का महान पर्व है क्रिसमस, अर्थात् बड़े दिन का त्योहार। यह त्योहार लगभग विश्व के सभी देशों में मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष यह पर्व 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

 भूगोल की दृष्टि से यह दिन सबसे बड़ा दिन होता है, इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। क्रिसमस का त्योहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के अनुयायियों और उसके समर्थक मनाते हैं। क्योंकि ईसा मसीह का जन्म 25 दिसम्बर की रात बारह बजे बेथलेहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। इनकी माँ का नाम मरियम था। जन्म के समय ईसा मसीह का नाम एमानुएल रखा गया था। इस शब्द का अभिप्राय मुक्ति प्रदान करने वाले से है। इनके नाम के अनुरूप ही कहा जाता है कि ईश्वर ने उन्हें इस धरती पर मुक्ति प्रदान करने वाले के रूप में अपना दूत बनाकर भेजा था, जिसे ईसा मसीह ने अपने कार्यों द्वारा सिद्ध भी कर दिखाया था।

 पर्व से ठीक एक दिन पूर्व 24 दिसम्बर से लोग अपने घरों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को सजाने लग जाते हैं। ईसा मसीह के जन्म दिन की रात्रि 12 बजे गिरजाघरों में प्रार्थना शुरू हो जाती है और शुरू हो जाता है बड़े दिन का त्योहार। प्रार्थना समाप्त होने पर वहां उपस्थित सभी लोग एक दूसरे को बधाई देकर अपने अपने घर लौट जाते हैं। यह त्योहार विश्व का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है।

ईसाई धर्म की विशालता के कारण इस सम्प्रदाय के लोग लगभग विश्व के हर हिस्से में रहते हैं। इसलिए यह त्योहार पूरे विश्व में बहुत धुमधाम से मनाया जाता है। सत्य, अहिंसा और मानवता के संस्थापक और प्रतीक कहलाते हैं ईसा मसीह। उन्होंने भेड़-बकरियों को चराते हुए उस समय प्रचलित अंधविश्वासों और रूढ़ियों के प्रति विरोध जाताना शुरू किया था, जिसका लोगों ने काफी विरोध किया था। उनके विरोधी ज्यादा होने के कारण उन्हें प्रसिद्धि मिलने में समय नहीं लगा। उनके विचारों को सुन यहूदी लोग घबरा उठे। यहूदी अज्ञानी होने के साथ-साथ अत्याचारी भी थे। वे ईसा मसीह को मूर्ख कह कर जलते भी थे, लेकिन अंदर से वह ईसा मसीह से भयभीत भी रहते थे। उन्होंने ईसा मसीह का विरोध करना जोर-शोर से शुरू कर दिया था और यहूदियों ने उन्हें जान से मार डालने की योजना भी बनानी शुरू कर दी थी। ईसा मसीह को जब पता चला कि यहूदि उन्हें मारना चाहते हैं तो वे यहूदियों से कहा करते थे कि तुम मुझे आज मारोगे मै कल फिर जी उठूंगा।

जितेन्द्र कुमार सिन्हा जितेन्द्र कुमार सिन्हा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.