30 साल बाद कुम्भ राशि में बना रहे हैं शनि शश योग
शनि का गोचर परिवर्तण । 30 साल बाद शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को अपने मूल त्रिकोण राशि कुम्भ में प्रवेश कर गए हैं और 24 मार्च 2025 तक इसी राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव लगभग हर ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस ग्रह का राशि परिवर्तन काफी अहम माना जाता है। क्योंकि इसका प्रभाव सभी राशि के लोगों पर पड़ता है। लेकिन शनि के राशि गोचर से मुख्य रूप से 5 राशि के जातक प्रभावित होते हैं। दो राशियों पर शनि की ढैय्या चलती है तो 3 पर एक साथ शनि की साढ़े साती।
शनि का गोचर परिवर्तण अर्थात शनि के कुम्भ राशि में प्रवेश करने से जंहा धनु राशिवालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल गई। वंही मीन राशिवालों के ऊपर साढ़ेसाती शुरू हो गई। शनि के इस गोचर से कर्क और वृश्चिक राशी वालों के ऊपर भी शनि की ढैय्या शुरू हो गई। वहीं मिथुन और तुला राशिवाले इससे मुक्त हो गए।
शनि का गोचर परिवर्तण 4 लग्नवालों के लिए भाग्यशाली समय की भी शुरुआत करेगा। शनि “शश” नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करते हैं। इस योग का निर्माण वृषभ लग्न वालों के लिए दशम भाव में, सिंह लग्नवालों के लिए सप्तम भाव में, वृश्चिक लग्नवालों के लिए चतुर्थ भाव में और कुम्भ लग्न वालों के लिए लग्न में बना है, जिसका जबरदस्त लाभ इन राशि वालों को मिलेगा।
“शश” योग वाले जातक काफी मेहनती होते हैं और अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त करते हैं। इनका कोई गॉडफ़ादर नहीं होता है। यह दूसरों की सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। “शश” योग शनि के प्रभाव को सुधारने में मदद करता है और शुभ परिणाम देता है। यह योग जातक को शनि के कुप्रभाव से बचाने में अत्यधिक लाभदायक है। ‘शनि साढे़साती’ और ‘शनि ढैय्या’ के बुरे प्रभाव को भी कम कर देता है। कुंडली में बना “शश” योग जातक को निरोगी बनाता है और जीवन को दीर्घायु बनाता है। ऐसै जातक बहुत व्यावहारिक होते हैं। “शश” योग वाले जातक बहुत सफल होते हैं और राजनीति के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को प्राप्त करते हैं।
तो आइये जानते हैं कुम्भ राशि में शनि का गोचर परिवर्तण मेष लग्न से लेकर मीन लग्न वालों के ऊपर कैसा प्रभाव डालेंगे
मेष लग्न
मेष लग्न वालों के लिए शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी है और आपके एकादश भाव से गोचर करेंगे। हालांकि शनि आपके लिए अकारक ग्रह हैं। लेकिन शनि आपको भरपूर धनलाभ कराएंगे। आपको विभिन्न स्रोतों से धनार्जन होगा। आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। धर्म के प्रति आपकी रूचि बढ़ेगी। आप नया वाहन या मकान खरीद सकते हैं। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। खान-पान पर नियंत्रण रखें।
वृषभ लग्न
वृषभ लग्न वालों के लिए शनि नवम और दशम भाव के स्वामी है। आपके लिए तो शनि सर्वाधिक कारक ग्रह है। आपकी कुंडली में शनि “शश” नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करेंगे आपने पिछले चार पांच साल में बहुत कस्ट झेला है, अब वक्त आ गया है, जब शनि आप के ऊपर मेहरबानी करेंगे। आपके लिए शानदार समय की शुरुआत हो रही है। यह समय आपके लिए भाग्यशाली समय है। चल-अचल संपत्ति और जमीन खरीद-फरोख्त के कारोबार से जुड़े लोग इस अनुकूल अवधि से लाभान्वित होंगे। भवन-मकान खरीदने और निर्माण के लिए यह समय अनुकूल है। आप आमोद प्रमोद हेतु यात्रा पर जा सकते हैं । नए उद्यम शुरू करने या नए निवेश करने के लिए उत्तम अवधि है। अगर आप नौकरी पेशा हैं तो आपका प्रमोशन होने की पूरी सम्भावना है।
मिथुन लग्न
मिथुन लग्नवालों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव के स्वामी है। शनि के इस राशि परिवर्तन के साथ ही आपके लिए भाग्यशाली समय की शुरुआत है, आपके संघर्ष के दिन समाप्त हुए। आपके व्यावसायिक क्षेत्र में जबरदस्त विस्तार होगा। आप प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ेंगे, जिनके सहयोग से आपके कामकाज में बढ़ोतरी हो सकती हैं। नए उद्यम शुरू करने के लिए यह एक आदर्श समय है। जो लोग नौकरीपेशा हैं, उनके प्रमोशन की पूरी सम्भावना है ।
कर्क लग्न
कर्क लग्न वालों के लिए शनि सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं , अष्टम भाव आयु और गुप्त विद्या का है, शनि आपके लिए अकारक है। इस समय आपको मिले- जुले परिणाम मिलेंगे। यह समय धैर्य रख काम करने का है। इस समय सफलता प्राप्त करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इस समय अपने जीवन शैली का विशेष ध्यान रखें , स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। हालाँकि बेरोजगार जातकों को नौकरी के प्रस्ताव या नौकरी मिलने में सफलता मिलेगी। इस समय अनावश्यक खर्च से बचने की आपको सलाह दी जाती है।
सिंह लग्न
सिंह लग्न वालों के लिए शनि छठे और सप्तम भाव के स्वामी है और शनि आपके सप्तम भाव से गोचर करेंगे। शनि आपके लिए अकारक ग्रह हैं। लेकिन आपकी कुंडली में शनि “शश” नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करेंगे, जिसका आपको लाभ मिलेगा। चल-अचल संपत्ति और जमीन खरीद-फरोख्त के कारोबार से जुड़े लोग इस अनुकूल अवधि से लाभान्वित होंगे। भवन-मकान खरीदने और निर्माण के लिए यह समय अनुकूल है। नए उद्यम शुरू करने या नए निवेश करने के लिए उत्तम अवधि है। इस अवधि में आपके जीवनसाथी को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, जिससे आपको इस अवधि के किसी भी बाधा को दूर करने में सहायता मिलेगी।
कन्या लग्न
कन्या लग्नवालों के लिए शनि पंचम और छठे भाव के स्वामी है। शनि आपके लिए कारक ग्रह है और इस समय आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। इस समय आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। यह समय धैर्य रख काम करने का है। इस समय सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। इस समय अपने जीवन शैली का विशेष ध्यान रखें , स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। आपको पेट सम्बन्धी रोग हो सकता है। हालाँकि बेरोजगार जातकों को नौकरी के प्रस्ताव या नौकरी मिलने में सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा व्यक्तियों को उनके वरिष्ठों द्वारा उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए पदोन्नति और वेतन वृद्धि द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।
तुला लग्न
आपके लिए शनि चतुर्थ और पंचम भाव का स्वामी है और आपकी कुंडली में लग्न से पंचम भाव में गोचर करेगा। शनि के इस गोचर से आप इस वर्ष किसी रुकी हुई शिक्षा को दोबारा शुरु कर सकते हैं या किसी विषय में रिसर्च कर सकते हैं। शनि की स्थिति आपकी सोच को गंभीर बना देगी, जिससे आप बहुत ही गहराई में जा कर कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। व्यापार को लेकर इस वर्ष कुछ भ्रम सा बना रहेगा और नये कार्य को लेकर भी कशमकश बनी रहेगी। कर्मचारियों के साथ मतभेद भी हो सकते हैं। कोई पुराना सरकारी कार्य अटका हुआ था, वह भी इस वर्ष पूरा होगा। माता-पिता का पूर्ण रुप से आपको सहयोग मिलेगा। किसी महंगी भौतिक वस्तु पर आपका धन खर्च हो सकता हैं। आप अपनी महिला मित्र के लिए आभूषण भी ख़रीद सकते हैं।
वृश्चिक लग्न
शनि आपके लिए तीसरे और चौथे भाव का स्वामी है। शनि आपके लिए अकारक ग्रह हैं, लेकिन आपकी कुंडली में शनि चौथे भाव में “शश” नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करेंगे। आपके लिए यह भाग्यशाली समय है। वृश्चिक लग्न वालों को व्यापार में शनि नये अवसर देगा। लेकिन किसी तरह का अहम आपके लिए नुकसान का कारण भी बन सकता है। अगर विदेश से जुड़े किसी प्रोजेक्ट का इंतज़ार कर रहे थे, तो आपको उसके मिल जाने से लाभ की प्राप्ति होगी। भवन-मकान खरीदने और निर्माण के लिए यह समय अनुकूल है। नए उद्यम शुरू करने या नए निवेश करने के लिए उत्तम अवधि है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, जिससे आपको इस अवधि के किसी भी बाधा को दूर करने में सहायता मिलेगी।
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धनु लग्न
धनु लग्नवालों के लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं और आपके तीसरे भाव से गोचर करेंगे। व्यापार में कोई नया काम करने की सोच रहे हैं तो यह समय कार्य के लिए बेहतर रहेगा। आर्थिक स्थिति भी सामान्य बनी रहेगी और कार्य में आर्थिक स्थिति को लेकर कोई रुकावट नहीं आएगी। किसी मित्र की सहायता से आपके रुके काम सुचारु रुप से बनने लगेंगे, लेकिन उसी मित्र के साथ किसी नये काम की शुरुआत न करें। कोई पुरानी रुकी हुई शिक्षा इस वर्ष फिर से शुरु होगी और पूर्ण भी होगी। इस समय आप कुछ आलस सा महसूस करेंगे और अगर काम को कल पर टालने की सोचेंगे तो नुकसान भी आपका ही होगा।
मकर लग्न
शनि का गोचर परिवर्तण ; मकर लग्नवालों के लिए शनि लग्न और दूसरे भाव के स्वामी हैं और शनि आपके दूसरे भाव से गोचर करेंगे। यह समय आपके अंदर सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। इस अवधि में कोई भी कार्य शुरु करना चाहें तो अपने आप पर पूरी तरह से ध्यान लगा कर ही करें, तभी यह शनि आपको सफलता दिलाएगा। हालाँकि शनि आपको भरपूर धनलाभ कराएंगे। आपको विभिन्न स्रोतों से धनार्जन होगा आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। धर्म के प्रति आपकी रूचि बढ़ेगी। आप नया वाहन या मकान खरीद सकते हैं। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। खान-पान पर नियंत्रण रखें। ज़मीन से जुड़ा कोई फायदा ये शनि आपको दे सकता है। व्यापार विस्तार के लिए यह समय अनुकूल है। अपने परिजनों और दोस्तों के साथ अनावश्यक विवाद से बचें।
कुम्भ लग्न
कुम्भ लग्नवालों के लिए शनि लग्न और बारहवें भाव के स्वामी हैं और आपके लग्न में ही गोचर करेंगे। यह आपके लिए जबरदस्त भाग्यशाली समय है। आपके लग्न में ही शनि “शश” नामक पंचमहापुरुष योग का निर्माण करेंगे। अब वक्त आ गया है जब शनि आप के ऊपर मेहरबानी करेंगे। आपके शानदार समय की शुरुआत हो रही है। इस गोचर से आपकी निर्णय शक्ति में संतुलन और गहराई आएगी और आपको अपनी नई मंज़िल मिलेंगी। व्यापार के लिए यह गोचर नए अवसर लाएगा और आर्थिक स्थिति में भी लाभ बना रहेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार आने से आप विदेश जाने का सपना भी पूरा कर पाएंगे और अपना घर लेने की सोच रहे हैं तो वह सपना भी अवश्य पूरा होगा। जीवन साथी के साथ कुछ मतभेद बना रह सकता है पर आप अपनी सूझबूझ से इस परेशानी से भी निज़ात पा लेंगे।
मीन लग्न
मीन लग्न वालों के लिए शनि एकादश और द्वादश भाव के स्वामी हैं और द्वादश भाव में गोचर करेंगे। आपके जीवन में संघर्ष और मेहनत बढ़ जाएगा और आपको अपनी जिंदगी की हकीक़त पता चलेगी। इस समय में आपके अपने भी दूर जाने लगेंगे और कुछ ऐसे रिश्ते करीब आएँगे, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं था। जीवन साथी के साथ किसी बात को लेकर दूरी हो सकती है। नये कार्य को करने से पहले किसी सीनियर की सलाह अवश्य ले लें। व्यवसाय में किसी बड़े निवेश के लिए सोच समझ कर ही आगे बढ़ें। विदेश से व्यापार के लिए ये समय अनुकूल है।