वक्री शुक्र : धर्म,न्याय और वित्त की कमान संभालनेवाले बृहस्पति का अग्नि तत्व राशि,मेष राशि में राहु के साथ होकर कड़े अनुशासन के पालनकर्ता शनि से दृष्ट होना और ऐसे में 23 जुलाई 2023 को सुबह 07.02 मिनट पर सिंह राशि में राजनीति के सबसे बड़े जानकर शुक्र का वक्री हो जाना क्या संकेत हैं देश, दुनिया, प्रकृति, खेती-किसानी और व्यक्ति के लिए।आइए समझते हैं इस आलेख के माध्यम से-
दुनिया- वर्तमान में ग्रहों का संचरण कुछ इस प्रकार हो रहा है मानो ग्रहों ने विश्व को बदलने का दृढ संकल्प लिया हो। ग्रहों की स्थिति विश्व में दो ऐसे खेमों के निर्माण का संकेत दे रहे हैं, जहाँ एक खेमा सृजन करना चाहता है तो दूसरा इस मार्ग को छल, कपट और धोखे द्वारा दुरूह बनाना चाह रहा है। पहले खेमे में जहाँ सृजन की बात हो रही है, नव निर्माण की बात हो रही है, वहीं दूसरे खेमे में मंगल के होते हुए भी सब मंगल नहीं है। पर्यावरण को लेकर महत्वपूर्ण बैठकें होंगी यह एक लंबी कहानी की शुरुआत हो रही है, जिसका खुलासा 2026 से होना आरम्भ होगा।
देश- मघा नक्षत्र में शुक्र का वक्री होना, मंगल के साथ होकर शनि से दृष्ट होना –
1-ज्योतिष गणना के अनुसार यह समय मुख्यमंत्रियों के लिए कष्टप्रद होगा। (यहाँ मुख्यमंत्रियों की कुंडली के साथ इस संकेत को मिलाकर देखना होगा कि किस मुख्यमंत्रियाों के लिए कितना कष्टप्रद हो सकता है।) 2-सत्ताधीश एवं नगर ग्राम के लोग धर्म से विमुख होंगे परिणामतः समाज में दुराचार फैलेगा वर्णसंकरता बढ़ेगी। 3-राजनीतिक और न्यायिक दृष्टिकोण से भी काफी उथल-पुथल का समय रहेगा।
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प्रकृति– शुक्र के वक्री होने के समय शनि का शतभिषा नक्षत्र में होना देश के उत्तरपश्चिम एवं दक्षिणपश्चिम भाग में हवा के कम दवाब के कारण चक्रवातीय तूफ़ान की स्थिति तैयार हो रही है। हालांकि इस योग पर गुरु की दृष्टि है इसलिए बहुत ज्यादा क्षति के आसार नहीं हैं। बुध और शुक्र का अमृत नाड़ी में होना, मंगल एवं शनि का जल नाड़ी में स्थित होना, शुक्र का बुध से आगे होना, 23 जुलाई से 28 जुलाई के मध्य देश के दक्षिणपश्चिम भाग में जहाँ तेज बारिश की स्थिति निर्मित कर रहे हैं वहीं शुक्र का सूर्य से आगे होकर मघा नक्षत्र में होना,गांगेय प्रदेश में अनुमान से काफी कम बारिश की स्थिति बना रहे हैं।
खेती-किसानी– वक्री शुक्र किसानों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। असंतुलित बारिश और अनुमान से कम बारिश की स्थिति, दोनों ही अच्छी फसल का संकेत नहीं दे रहे हैं।
व्यक्ति विशेष – गुरु एवं शनि का मृत्यु भाग में होना वैसे व्यक्तियों लिए लाभप्रद है जो जीवन में, पहले से चल रहे कार्य में परिवर्तन करके कुछ नया करना चाहते हैं। यदि उनकी चलने वाली दशा शुक्र, शनि, मंगल या गुरु की है और दशा / दशानाथ का सम्बन्ध कुंडली द्वितीय, एकादश, छठे एवं दशम भाव से बना हुआ है, तो नयी शुरुआत के लिए दृढ संकल्प के साथ आगे बढ़ें, शुरूआती परेशानियों के बाद सफलता उनके कदम चूमेगी।
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कर्क लग्न के वैसे व्यक्ति जिनकी दशा छठे भाव, शुक्र की चल रही है वे अपनी आँखों के साथ साथ खान पान का विशेष ध्यान रखें, कफ प्रकोपित होने की वजह से स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां आ सकती हैं।
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कर्क राशि के वैसे व्यक्ति जिनकी दशा दशम भाव की चल रही है उनके लिए नौकरी में तरक्की का समय है। शेयर बाजार में संभलकर निवेश करें।