जितेन्द्र कुमार सिन्हा। हनुमान जी, भगवान शिव और माता दुर्गा की पूजा-आराधना से वर्ष 2023 में दूर हो सकते हैं आपके ग्रह दोष । ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के जीवन में 12 राशियों का बहुत महत्व होता है। ये राशि हैं मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन। 1 जनवरी, 2023 को धनु राशि में सूर्य और बुध ग्रह की युति से बुधादित्य योग बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ और विशेष फलदायी योग बताया गया है। उसी प्रकार शनिदेव और गुरु बृहस्पति अपने ही घर में यानि अपनी ही राशि में रहेंगे इसलिए इसे भी शुभ माना जा रहा है। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं और देवताओं के गुरु बृहस्पति मीन राशि के स्वामी हैं। मान्यता है कि जब कोई ग्रह अपने घर या राशि में रहता है तो शुभ फल देता है। वहीं चंद्रमा का गोचर मेष राशि में हो रहा है, जहां पाप ग्रह राहु पहले से विराजमान है। ज्योतिष शास्त्र में राहु के साथ चंद्रमा की युति ग्रहण योग बनाती है जिसे शुभ योग नहीं माना जाता है।
नववर्ष में धनु राशि में सूर्य और बुध, मकर राशि में शुक्र और शनि, मीन राशि में गुरु बृहस्पति, मेष राशि में चंद्रमा और राहु तथा तुला राशि में केतु ग्रह गोचर करेंगे। भविष्यवक्ता और कुंडली विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव और माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा, भगवान शिव की पूजा में महामृत्युंजय मंत्र और माता दुर्गा की पूजा में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
वहीं हमारे देश में 12 ज्योतिर्लिंग है। अपनी राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग की भी पूजा-आराधना करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है। हमारे यहाँ ज्योतिर्लिंग में सोमनाथ, शैल मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, बैजनाथ, भीमाशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, काशी विश्वनाथ और घुश्मेश्वर हैं।
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राशि के अनुसार, मेष राशि वाले लोग यदि पंचामृत से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करते हैं तो उन्हें चंद्रमा और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित हैं। इसे पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इसकी स्थापना चन्द्र देव ने किया था।
वृषभ राशि वाले लोग को शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी तट पर श्रीशैलम नामक पर्वत पर। स्थित है।
मिथुन राशि वाले लोगों को महाकालेश्वर (महाकाल) ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए “ऊँ नमो भगवते रुद्राय मंत्र का जाप करते हुए पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से मिथुन राशि वाले लोगों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। महाकालेश्वर (महाकाल) ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है और यह एकमात्र दक्षिणामुखी ज्योतिर्लिंग है।
कर्क राशि वालों को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा एवं ध्यान करना चाहिए। इससे उन्हें अच्छा फल की प्राप्ति होगी। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के इंदौर के समीप स्थित है।
सिंह राशि वालों को बाबा बैजनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। इनकी पूजा करने से सिंह राशि वालों को कारोबार, परिवार, राजनीति, एवं स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। बाबा बैजनाथ ज्योतिर्लिंग समस्त ज्योतिर्लिंग में नौवें स्थान प्राप्त है और यह बिहार (अब झारखंड) के देवघर में स्थित है।
कन्या राशि वालों को भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को दूध और घी से शिवलिंग को स्नान कराते हुए पूजा करनी चाहिए। इससे भीमाशंकर प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बनाये रखते हैं। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है।
तुला राशि वालों को रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा और दर्शन करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहता है। यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है।
वृश्चिक राशि वालों को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना करने से शुभ फल मिलता है। यह नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका जिले में स्थित है।
धनु राशि वालों को काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजा, जप, तप करना चाहिए। इस पूजा से उन्हें फल की प्राप्ति होगी। आपके ग्रह दोष दूर हो सकते हैं। यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित है।
कुंभ राशि वालों को केदारनाथ ज्योतिर्लिंग को पंचामृत से स्नान कराकर कमल फूल और धतूरा से पूजा करनी चाहिए। इस पूजा से कुंभ राशि के लोगों का ग्रह दोष दूर हो सकता है। यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है।
मीन राशि वालों को 12वें ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है।