पटना, मुकेश महान। 37वां पाटलीपुत्र नाट्य महोत्सव 2023 के तीसरे दिन आज कालिदास रंगालय दो नुक्कड़ नाटक ये दौड़ है किसकी और जनतागिरी तथा दो मंच नाटक खोया हुआ आदमी और सामन्ता चंद्रशेखर की प्रस्तुति दी गई।
पहला नुक्कड नाटक ये दौड़ है किसकी पटना क्रियेशन की प्रस्तुति थी। इसके लेखक कोमिता व जयंती थीं तो निर्देशन दिया था गौतम गुलाल ने। नाटक में मुनाफाखोरी, बेरोजगारी, लालच, बैंकिंग लोन के दुरुपयोग आदि विषयों को मिलाकर कोलॉज के रूप में प्रस्तुत किया गया था। कलाकारों का अभिनय और सशक्त निर्देशन ने नाटक को से दर्शकों को बांधे रखा।
इसी तरह दूसरा नुक्कड़ नाटक जनतागिरी भी पटना की संस्था नाद की प्रस्तुति थी। नाटक के लेखक विवेक कुमार और निर्देशक मो. जानी थे। यह एक हास्य-व्यंग्य प्रस्तुति थी जिसमें धर्मराज और भगवान चित्रगुप्त को आधुनिक स्टाइल में अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गाया है। नाटक में आम आदमी की परेशानी को दर्शाया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि अगर सभी जनता अपनी जनतागिरी पर उतर आए तो समाद की आधी समस्या यूं ही दूर हो जाएगी। नटक में जनतागिरी को सकारात्मक रूप में लिया गया है। प्रस्तुति रोचक थी और हास्य का भरपूर आनंद दर्शकों को देने में सफल रही। लेकिन अभी के माहौल में धार्मिक चरित्र के साथ इस तरह के प्रयोग से लेखक, निर्देशक और प्रस्तुति देने वाली संस्था को बचने की जरूरत थी।
37वां पाटलीपुत्र नाट्य महोत्सव 2023 में आज का पहला मंचीय नाटक था खोया हुआ आदमी। प्रस्तुति थी काइट एक्चर स्टूडियो मुंम्बई की। इस नाटक का लेखक थे रिशीष दुबे और निर्देशक थे साहेब नीतीश।
नाटक मैट्रो शहर के एकाकी जीवन और उसके दुष्परिणाम को बहुत ही बारिकी से उकेरता है। साथ ही आज के समाज,परिवार और करीबी रिश्तों की संवेदनशून्यता पर कड़ा प्रहार भी करता है। कम पात्रों के साथ मंचित इस नाटक का अंतिम दृश्य दर्शकों को रुला जाता है। साथ ही यह भी सीख दे जाता है कि आज पत्नी से लेकर भाई तक सभी रिश्ते आपके पैसे के साथ है। पैसे के लिए आपके जीवन का सौदा ये कभी भी कर सकते हैं।
अभिनय स्तर पर सभी कलाकारों ने अपना उम्दा प्रदर्शन किया। स्टेज क्राफ्ट नाटक को और उसके कथ्य को सपोर्ट कर रहे थे। प्रकाश परिकल्पना भी भी बेहतर ही था। लेकिन प्रकाश संचालन में कहीं-कहीं चूक दिखी।
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इसके अतिरिक्त आज एक और नाटक भिखारी ठाकुर लिखित और मलोज कुमार सिंह निर्देशित गंगा स्नान का मंचन आरा की संस्था प्रभाव क्रियेटिव सोसाइटी द्वारा प्रस्तुत की गई थी ।
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इसके पहले दो फरवरी को महोत्सव की आयोजक संस्था प्रांगण की प्रस्तुति और ह्रषिकेश सुलभ लिखित और अभय सिन्हा निर्देशित नाटक बटोही के मंचन से महोत्सव की शुरुआत हुई। दूसरे दिन प्रायगराज की विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान ने परिमल दत्ता लिखित और और अजय मुखर्जी निर्देशित नाटक बैंड मास्टर की मंचीय प्रस्तुति हुई।