हाजीपुर,विश्वनाथ सिंह। एशिया का प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेला के शुरु होने में अब महज चार दिन शेष रहने के बावजूद न ही इसकी प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही है और न ही सरकार की ओर से इसकी अनुमति दिए जाने की कोई पहल की गई है। मेले की अनुमति नहीं मिलने और लाखों लोगों के धार्मिक भावनाओं एवं आस्था के साथ खिलवाड़ करने के विरोध में आज हरिहर क्षेत्र हाजीपुर और सोनपुर के सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे और बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बिहार के मुख्यमंत्री का पुतला जलाया गया।
हरिहर क्षेत्र मेला के प्रवेश द्वार जौहरी बाजार में यूथ फाइटर ग्रुप एवं नेशनल स्टूडेंट पावर के तत्वावधान में सैकड़ों छात्र, नौजवान, बुद्धिजीवी, किसान, मजदूरों ने प्रदर्शन किया और मेला लगाने की अनुमति नहीं देने के विरोध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला जलाया। डॉ. अजीत कुमार सचिव स्वामी विवेकानंद सामाजिक शोध संस्थान के नेतृत्व में एक जुलूस निकला गया और प्रदर्शन किया गया।
हरिहर क्षेत्र मेला के साथ सौतेला व्यवहार
डॉ. अजीत कुमार ने कहा कि बिहार सरकार हरिहर क्षेत्र मेला के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और दोहरी नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि पुष्कर मेला राजस्थान, सिमरिया मेला बेगूसराय बिहार में लग सकता है तो हरिहर क्षेत्र मेला सोनपुर क्यों नहीं। डॉ कुमार ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री केवल राजगीर और पावापुरी मेले में अभी रुचि रखते हैं। उस मेला पर सरकार के खजाने का करोड़ों रुपए खर्च होता है। वहीं दूसरी ओर सोनपुर मेला पर प्रतिबंध लगाकर इसके अस्तित्व को समाप्त करने पर लगी हुई है। डॉ कुमार ने कहा कि मेले पर प्रतिबंध बिहार सरकार की तुगलकी फरमान है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नुक्कड़ सभा कर दी चेतावनी
इसे लेकर हाजीपुर के जौहरी बाजार में आयोजित नुक्कड़ सभा में डॉ अजीत कुमार, डॉ अशोक कुमार सिंह, पृथ्वी राय उर्फ विकास सर, पुष्कर सिंह राजपूत, सावन कुमार राय, आकाश आनंद मनीष कुमार सिंह, महेश कुमार, ओम प्रकाश पासवान, राजेश सिंह, सुरेंद्र कुमार चौधरी, महेश पासवान, कविंद्र कुमार, राहुल कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, अनुज कुमार, दीपक कुमार, आकाश कुमार, अशोक कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, छोटू कुमार दुर्गाराम, दीपक कुमार, शशि भूषण प्रसाद उर्फ बाबा, ने सभा को संबोधित करते हुए सरकार से मेला लगाने की अनुमति देने अन्यथा खामियाजा भुगतने की चेतावनी भी दी।
डॉ अशोक कुमार सिंह सभा को संबोधित संबोधित करते हुए कहा कि सरकार चाहे हरिहर क्षेत्र मेला अस्तित्व मिटाने में जितनी ताकत लगा ले। लेकिन मेला हर हाल में लगेगा। हरिहर क्षेत्र मेला हाजीपुर और सोनपुर की जनता की ताकत से लगाने के लिए संकल्प भी लिया गया। पुष्कर सिंह राजपूत ने कहा कि मेला लगाने की यह चरणबद्ध आंदोलन का चौथा चरण है। प्रथम चरण में सत्याग्रह, दूसरे चरण में पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार रविशंकर प्रसाद को मेला के स्वरूप आकार और मेले के विस्तार को लेकर ज्ञापन देना, तीसरे चरण में गज-ग्रह चौक, सोनपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था। पुष्कर कुमार ने कहा कि बिहार सरकार सोनपुर मेले की अनुमति न देकर हरिहर क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय कर रही है।
मौके पर सावन कुमार राय ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार की तरफ से मेला लगाने की अनुमति नहीं मिलने से लोग आक्रोशित हैं। जनता चिख रही है। लेकिन सरकार बिल्कुल उदासीन है। इसके पूर्व भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से भी मेले के अस्तित्व को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।
340 ईसा पूर्व से लगता आ रहा है सोनपुर मेला
सभा को संबोधित करते हुए यूथ बिग्रेड के लीडर आकाश आनंद ने कहा कि यह मेला 340 ईसा पूर्व से लगता आ रहा है। यहां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 20 लाख से ज्यादा लोग गंगा-गंडक संगम, कौनहारा घाट हाजीपुर, कालीघाट सोनपुर में गंगा स्नान कर अपने आप को धन्य समझते हैं और हरिहर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करते हैं।
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पुतला दहन के बाद सभा को संबोधित करते हुए मनीष कुमार सिंह ने बताया कि इस मेले में प्रतिवर्ष देश-विदेश जैसे अमेरिका, जापान, कनाडा, नेपाल, रूस, इंडोनेशिया, जापान बांग्लादेश, थाईलैंड, इंग्लैंड समेत कई देशों से पर्यटक यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि हरिहर क्षेत्र मेला सोनपुर को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाकर मेला में चार चांद लगाया जा सकता है।