पटना,संवाददाता। अहसास कलाकृति, पटना द्वारा दीपक श्रीवास्तव लिखित एवं कुमार मानव निर्देशित हास्य व्यंग्य हिन्दी नाटक अंधा मानव का मंचन पटना के कालिदास रंगालय के शंकुन्तला सभागार में प्रस्तुत किया गया। यह प्रसतुति बिहार आर्ट थियेटर द्वारा आयोजित सात दिवसीय 107 वीं अनिल कुमार मुखर्जी जयंती सह 32 वां पटना थियेटर फेस्टिवल 2023 में दी गई।
नाटक अंधा मानव समाज में व्यपाप्त कई जवलंत मुद्दों, भ्रष्टाचार, नकारात्मक राजनीति, ठगी, छिनतई, अन्याय, बेरोजगारी, भूखमरी जैसे यथार्थ को दर्शा गया। कलाकारों नें अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
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नेता की भूमिका में नाटक के निर्देशक कुमार मानव ने उम्दा अभिनय किया। हवलदार की भूमिका में विजय कुमार चौधरी ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। पागल की भूमिका में भुवनेश्वर कुमार और भिखारी की भूमिका में मंतोष कुमार नें अंत तक दर्शकों को बांधे रखा। रिसर्चर की भूमिका में अर्चना कुमारी ने पूरे नाटक में जनता का पक्ष रखते हुए नजर आईं। सेठ की भूमिका पृथ्वीराज पासवान एवं मद्रासी की भूमिका में सरबिन्द कुमार नें अपनी छाप छोड़ी। कुबड़ा के पात्र में शुभम कुमार, बाल भिखारी की भूमिका में मयंक कुमार, सुहानी कुमारी नें दर्शकों को आंदोलित किया। राजकिशोर पासवान नें नेता के कार्यकर्ता की भूमिका निभाई।
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प्रकाश परिकल्पना ब्रह्मानन्द पांडेय, रूप सज्जा माया कुमारी, मंच परिकल्पना बलराम कुमार ने किया। इस अवसर पर कला सास्कृतिक पुरूष एवं वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी ‘संत‘ और सत्यजीत मिश्रा नें अपने विचार भी रखे और कहा कि इस तरह के नाटक समाज को आईना दिखाता है।