Bihar Legal Network
बिहार

सामुदायिक कार्यकर्ताओं को मिला मानसिक स्वास्थ्य में प्रशिक्षण

पटना, संवाददाता। Bihar Legal Network के द्वारा ‘मेन्टल हेल्थ अवेयरनेस पर एकदिवसीय कार्यशाला ( Mental Health Awareness Camp )का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बिहार के विभिन्न जिलों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर ख्यातिप्राप्त मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार को आमंत्रित थे। डॉ मनोज कुमार ने किशोरावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक आने वाली मानसिक समस्यायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में बच्चों से लेकर बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पङा है।

Bihar Legal Network : बच्चों में भावनात्मक असुरक्षा से पनपे विषाद से उनमें एकाकीपन और लौकडाउन की परिस्थितियों से उत्पन्न चाइल्ड डिप्रेशन के मामले काफी बढें है। किशोरों में माता-पिता से बक-झक व संवाद की कमी देखी जा रही। स्कूल -कॉलेज में पढने वाले विद्यार्थियों में कम समय में कोर्स पूरा करने का दबाव स्पष्ट दिख रहा है।

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डॉ॰ मनोज ने बताया की समाज में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसव पूर्व महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव उनके भ्रूण पर पङ सकता है।गर्भवती महिलाओं को परिवार का संपूर्ण सहयोग मिलने से गर्भावस्था के दरम्यान महिलाओं के शारीरिक व मानसिक परिवर्तन को गर्भवती महिलाएं आनंद ले सकती है। जिससे उनमें सकारात्मक हार्मोन निकलता है। इससे जच्चे और बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होती है। अगर महिलाएं प्रेग्नेसी के दौरान कोई आघात, तनाव-दबाव में या किसी भी तरह का नशा करेंगी तो उनके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पङ सकता है।

युवाओं के संदर्भ में डॉ॰ कुमार ने बताया कि युवाओं को वैश्विक महामारी के इस दौर में संयम से काम लेना चाहिए। करियर का चुनाव रुचि के मुताबिक जबकि रिश्ते में शक नही रखकर वह अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख कर सकते हैं। वहीं बुजुर्गों के एकाकीपन में जीने के सवाल पर उन्होंने बताया कि बुजुर्गों का सम्मान परिवार को करना चाहिए। परिवार के हर सदस्यों के अपने बुजुर्गों के लिए समय निकालना चाहिए।

इस प्रकार डॉ॰ कुमार ने कार्यक्रम में विस्तार से अपनी बात रखते हुए समझाया के मानसिक समस्या किस तरह एक महामारी का रूप धारण करते जा रही है। इस लिए मानसिक स्वास्थय को लेकर भ्रान्तियों एवं दुष्प्रचारों के बारे में लोगों को बताना जरूरी है ताकि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके।