पटना, संवाददाता। पटना के तीन सौ साल पुराने और ऐतिहासिक Mahavir Mandir में पूरे विधि विधान से राम लला का जन्म उत्सव मनाया गया, Mahavir Mandir में पांच बजे सुबह आरती से शुरूआत हुई। इसके बाद बाल्मीकि रामायण का पाठ राम के प्राकट्य वाले प्रसंग तक हुआ। Mahavir Mandir न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल की अगुवाई में तीनों निर्धारित स्थानों पर ध्वज बदलने की पूजा के बाद नये ध्वज लगाए गए।
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दोपहर 12 बजे मुख्य गर्भ गृह के सामने जन्मोत्सव आरती हुई। इसके बाद प्रसाद वितरित हुआ। कोविड संक्रमण के कारण मन्दिर में भक्तों का प्रवेश तो नहीं हुआ, लेकिन जियो लाइव के माध्यम से लाखों भक्तों ने ऑनलाइन माध्यम से पूजा में भाग लिया। Mahavir Mandir के फेसबुक पेज के माध्यम से दोपहर तक छह लाख और रात्रि तक दस लाख भक्तों ने दर्शन किया। मन्दिर के अपने तीन ध्वजों के अतिरिक्त भक्तों की ओर से 49 ध्वज लगाए गए। जिन भक्तों ने रसीद कटाई थी उनके नाम और गोत्र आदि के संकल्प के साथ उनकी अनुपस्थिति में नये ध्वज लगाए गए। परंपरा के अनुसार पटना शहर के तीस अखाड़ों से जुलूस निकलकर महावीर मन्दिर आता था और ध्वज रखा जाता था, इस बार उन सबकी ओर से एक ध्वज स्वीकार किया गया, जो उनके प्रतिनिधि-प्रमुख सौंप कर गये।
पहले जहाँ तीन से चार लाख भक्त रामनवमी के अवसर पर महावीर मन्दिर में हनुमानजी का दर्शन एवं नैवेद्यम् प्रसाद चढ़ाने आते थे, वहाँ इस बार आम जनों के लिए महावीर मन्दिर बन्द था। ग़ौरतलब है कि अयोध्या की हनुमानगढ़ी के बाद देश में सबसे अधिक भक्त इसी हनुमान मन्दिर में आते रहे थे।