स्थानीय रविन्द्र भवन में शनिवार को नट चेतना सम्मेलन संपन्न हुआ l सम्मेलन का उद्घाटन जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने किया जबकि ...
बिहार

नट चेतना सम्मेलन में सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनैतिक भागीदारी की मांग

• नट बच्चों का अनुo जाति आवासीय विद्यालय में विशेष अभियान के तहत नामांकन कराया जाए।

• खेल व जिम्नास्ट का प्रशिक्षण दिलवाया जाए।

•नट जाति को राजनीतिक भागीदारी दी जाए।

पटना, संवाददाताl स्थानीय रविन्द्र भवन में शनिवार को नट चेतना सम्मेलन संपन्न हुआ l सम्मेलन का उद्घाटन जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने किया जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री  शिवानंद तिवारी उपस्थित थे।

 राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य एवं नट चेतना मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष सविता नटराज ने नटराज पर माल्यापर्ण से कार्यक्रम प्रारम्भ करते हुए सभी आगत अतिथियों को मोमेन्टो एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर पुष्प माला से उनका स्वागत किया। अध्यक्षता विनय कुमार नट ने किया।  

 बैठक में उत्तर प्रदेश एवं झारखण्ड से भी आए नट जाति के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में नट जाति के शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक उत्थान की चर्चा करते हुए नट जाति के बच्चों का अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय में विशेष अभियान के तहत नामांकन कराने, खेल व जिम्नास्ट आदि में सरकार द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिलवाने तथा बिहार में नट जाति को राजनीतिक भागीदारी देने की मांग उठायी गयीl

 उद्घाटनकर्ता जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी राष्ट्र या समाज के उत्थान में सभी वर्गों का सामुहिक योगदान आवश्यक है।

 नट चेतना सम्मेलन में कुशवाहा ने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्यपूर्ण सत्य है कि आज भी नट समाज की शैक्षणिक, आर्थिक और समाजिक स्थिति संतोषजनक नहीं है। डॉ अंबेडकर की समाजिक भागीदारी का प्रण आज भी नट समुदाय से जुड़े मामलों में कमजोर है। वो जिस हक़ और अधिकार के असली हक़दार हैं, उससे आज भी वह वंचित हैं। हालांकि प्रदेश में मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने कमजोर, शोषित और उपेक्षित वर्गो को उनके हिस्से के अधिकार और हक़ को सुनिश्चित करने का अभूतपूर्व उदारहण पेश किया है। जिन जाति विशेष के लोगों को वोट बैंक समझकर इस्तेमाल किया जाता था उन्हें हमारी सरकार ने अवसर प्रदान किया है।

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 कुशवाहा ने कहा कि आपके हितों को ध्यान में रखकर बिहार सरकार अपने कोष से जातीय जनगणना करा रही है। उस डाटा के आधार पर आपके लिए और भी कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाएगी। हम लोग क़भी भी सामंतवादी ताक़तों के सामने नहीं झुकेंगे, और न कोई समझौता करेंगे।

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  पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवानंद तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि नट समाज सबसे बड़ी सेकुलर जमात है। संविधान ने इस समाज को बराबरी का अधिकार दिया है। दुर्भाग्य से इन्हें आज तक अपना अधिकार नहीं मिल पाया है।

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बैठक में पोखन कुमार नटराज, कृपा शंकर राठौड़, रघुनंदन प्रसाद, विनय राठौड़, शिव शम्भू राठौड़, अमित कुमार, लक्ष्मण नट, जमुना नट, सुनील नट, पवन कुमार, नवीन कुमार देव, केश्वर नट, मंजू देवी, किरन देवी आदि प्रदेश भर से आये नट जाति के नर-नारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।