जल्द ही राजधानी पटना में नि:शुल्क वृद्धाश्रम खोलेगा Didi ji foundation खंडवा, संवाददाता। Didi ji foundation खंडवा पहुंच कर अनाथालय में किया सेवा। बिन बुजुर्ग सम्मान के, वह घर अकाल है। वृद्धों की सेवा में, ईश्वर का सम्मान है। वृद्ध ही ईश्वर रूप और वृद्ध ही घर में भगवान है। ये बातें दीदीजी फाउंडेशन, पटना की संस्थापिका और पर्यवरण लेडी डा.नम्रता आनंद ने वृद्धों के लिये संचालित आश्रम शांति निकेतन वृद्धाश्रम में वृद्ध परिजनों से मुलाकात के बाद कही।
उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्ध माता-पिताओं को हमारी ज़रूरत है, इसलिए हमें भी उनके प्रति अपना दायित्वों को निभाना चाहिए। वो हमारे लिए अनुभवों का ख़ज़ाना हैं। ज़रूरत उन्हें सँज़ो कर सहेज कर रखने की है, उनके प्रति समाज के लापरवाह नज़रिया को बदला जाना चाहिए।आज की युवा पीढ़ी जीवित मां-बाप और समाज के जीवित बुजुर्गों की सेवा से दूर रहकर पतन के रास्ते पर जा रही है। उन्होंने कहा कि वृद्धों की सेवा ही सही मायने में ईश्वर सेवा है। वह घर जन्नत के समान होता है, जहां पर बुजुर्गों का सम्मान होता है।
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बिहार के सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक और समाजसेवी डा. नम्रता आनंद इन दिनो मध्यप्रदेश में हैं और लगातार समाजिक गतिविधियों में सक्रिय है। बाल उड़ान सम्मान, पौधरोपण, नारी सम्मान जैसे कार्यक्रम करने के उन्होंने खंडवा स्थित आश्रम शांति निकेतन द्वारा संचालित वृद्धाश्रम का दौरा किया, जहां उन्होंने वृद्धों से उनके स्वास्थ्य के साथ खान-पान की जानकारी ली और उनका कुशलक्षेम पूछा। इसके बाद उन्होंने वृद्धाश्रम में रहने वाले सभी लोगों के लिये भोजन की व्यवस्था की।
अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय और राजकीय सम्मान से सम्मानित डा: नम्रता आनंद ने आश्रम शांति निकेतन के निष्काम मानव सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने बताया कि वह जल्द ही राजधानी पटना में नि:शुल्क वृद्धाश्रम खोलने जा रही हैं।