पटना,संवाददाता। शहीद दिवस पर सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने आजादी की लड़ाई में अपने जान कुर्वान करने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
दीदीजी फाउडेशन ने पटना से सटे कुरथौल के फुलझड़ी गार्डन स्थित संस्कारशाला में शहीद दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर लोगों ने भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और इनकी शहादत को लोगों ने याद किया।
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मौके पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से पा चुकी शिक्षिका डा. नम्रता आनंद ने कहा कि 200 सालों की गुलामी के बाद भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की थी। लेकिन यह आजादी इतनी आसान न थी? आजादी की कीमत के रूप में भारत को एक नहीं दो नहीं बल्कि लाखों कुर्बानियां देनी पड़ी। इन कुर्बानियों और वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत शहीद दिवस मनाता है। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को तीन स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था। इन तीनों क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है। उन्होंने कहा कि 23 मार्च ऐतिहासिक दिन है। इसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इस तीन क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते फांसी को चूमा था। आज समाज और देश को भगत सिंह, शिवराम राजगुरू और सुखदेव थापर के विचारों को अपनाने की जरूरत है।
इस अवसर पर समाजसेवी मिथिलेश सिंह ने कहा कि भगत सिंह के विचार राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर निरंतरा हर्षा, नियति सौम्या, रंजीत ठाकुर, सूरज कुमार, बिट्टू कुमार, राजा कुमार, दीपक कुमार, सौरभ कुमार ,प्रियंका कुमारी, रिया भारती ,जिया भारती ,पवन कुमार ,आर्यन कुमार, सुलेखा कुमारी, अमित कुमार ,सूरज कुमार समेत कई बच्चे एवं महिलाएं उपस्थित थीं।