पटना, संवाददाता। सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने आज स्वामी विवेकानंद की जयंती मनायी। राजधानी पटना के कुरथौल स्थित दीदीजी फाउंडेशन संस्कारशाला में स्वामी विवेकानंद की जयंती मनायी गयी।
इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यापर्ण किया गया। इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित ने कहा कि हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है। यह दिन देश के उन युवाओं को समर्पित है, जो भारत के लिए एक स्वस्थ और बेहतर भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। स्वामी विवेकानंद का युवाओं से गहरा नाता था, इसलिए उनके जन्म दिवस को युवाओं के लिए समर्पित किया गया है।
उन्होंने कहा कि 11 सितंबर 1893 में अमेरिका में धर्म संसद का आयोजन हुआ, जिसमें स्वामी विवेकानंद भी शामिल हुए थे। यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में ये कहकर की कि ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’। उनके भाषण पर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में पूरे दो मिनट तक तालियां बजती रहीं। जो भारत के इतिहास में एक गर्व और सम्मान की घटना के तौर पर दर्ज हो गई। स्वामी विवेकानंद ने कहा था उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत। स्वामी विवेकानंद जीवन भर संन्यासी रहे और अपनी आख़िरी सांस तक वह समाज की भलाई के लिए काम करते रहे। स्वामी विवेकानंद ने न सिर्फ भारत के उत्थाान के लिए काम किया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई।
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इस अवसर पर समाजसेवी मिथिलेश सिंह, रंजीत ठाकुर, करण रूद्र, अंजली, साक्षी रिया,दीपक, आसी, सलोनी, नेहा, स्वाति,राज कुमारी, आदित्य, समीर, प्रीति, सुनैना देवी, रश्मि भारती समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे।