किन्नर समुदाय को भी मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलना चाहिए। पटना,रंजना कुमारी। दीवाली के दिन जहां लोग दीपोत्सव को लेकर अपने घर में व्यस्त होते हैं, वहीं पटना के एक सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन और अंतरराषट्रीय संस्था ग्लोवल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) जरूरतमंदों के बीच जाकर दीवाली मनाई। पहले पटना के एक किनारे स्थित पटना सिटी फिर दूसरे किनारे कुरथौल स्थित दीदीजी संस्कारशाला में दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद और अंतरराषट्रीय संस्था ग्लोवल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोवल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने पहुंचकर किन्नर समाज और जरूरतमंद बच्चे, परिवार के साथ दीपावली का पर्व मनाया। मकसद था कि सामाजिक या आर्थिक रूप से उपेक्षित लोगों और बच्चों के ओठों पर मुस्कान लाया जा सके।
पहले दीदीजी फाउंडेशन ने राजधानी पटना के गायघाट पुल के नीचे किन्नर समाज के लोगों के साथ दीवाली का पर्व मनाया। किन्नर समाज के लोगों के बीच दिवाली गिफ्ट के साथ पटाखे, दीये, मिठाई,मोमबत्ती आदि भीवितरित किए गए। मौके पर मुख्य अतिथि जीकेसी के ग्लोबल अध्य़क्ष राजीव रंजन भी मौजूद थे।
इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन और जीकेसी के पदाधिकारियों ने किन्नर समाज की समस्याओं पर चर्चा भी की। किन्नरों ने भी अपनी समस्याओं और अपने अनुभव को साझा करते हुए खपुद के समाज को भी मुख्यधारा से जोड़ने आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने कहा कि थर्ड जेंडर कहे जाने वाले किन्नर को वह सम्मान नहीं मिल पाता जिसके वे अधिकारी हैं। हाशिए पर जिंदगी जी रहे किन्नरों को समाज हेय दृष्टि से देखता है। इन्हें कोई अपने यहां नौकरी देने को तैयार नहीं होता है और उन्हें इसी कारण इन्हें बधाइयां देकर और भीख मांगकर अपना गुजारा करना पड़ता है। किन्नर समाज को भी मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलना चाहिए। शिक्षा के अभाव में किन्नर समाज पिछड़ गया है। किन्नर समाज के बच्चों के लिए भी उच्च शिक्षा और नौकरी की व्यवस्था होनी चाहिए।
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मौके पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि किन्नर भी समाज के ही अंग हैं, फिर भी उन्हें उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता है। किन्नर समुदाय की स्थिति दयनीय है। देश में किन्नरों को इज्जत नहीं दी जाती है। किन्नर समाज विकास की इस दौड़ में पीछे रह गया है। किन्नर समाज को मुख्यधारा में शामिल किये जाने की जरूरत है। शिक्षा और संवेदनशीलता से किन्नर समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। उन्हें भी आम नागरिकों की तरह जीवनयापन करने, शिक्षा और सरकारी सेवा पाने का हक है।
इस अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस बिहार कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और दीदी जी फाउंडेशन के सरंक्षक दिवाकर वर्मा, गुरू ललन किन्नर, समाजसेवी भरत कौशिक, शुभम कुमार समेत कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।