बिहार

65 दुकानों को जिला प्रशासन द्वारा तोड़ा गया


district administration
chhapra छपरा, प्रखर प्रणव । छपरा में इन दिनों एनजीटी के आदेश पर खनुआ नाला पर बनी दुकानों को तोड़ने का आदेश  जिला प्रशासन (district administration chhapra) के द्वारा दिया गया हैं और जिला प्रशासन लगातार खनुआ ओर बने दुकानों पर लगातार बुलडोजर चला कर ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में दो दुकानों को हटाया गया था उसके बाद दूसरे चरण में 20 दुकानों को तोड़ दिया गया। इस प्रकार अभी तक 22 दुकानों को जिला प्रशासन ने तोड़ दिया है।वही इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय से सटे नगर निगम मार्केट में बनी 65 दुकानों को पर आज सुबह से ही जिला प्रशासन ने तोड़ने की कार्यवाही शुरु कर दी। और दोपहर होते होते यह मार्केट पूरी तरह  से मलवे में तब्दील हो गया। चार चार बुलडोजरो ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया  भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस मार्केट को तोड़ने का कार्य किया जा रहा है।इस प्रकार एक तरफ जहां छपरा में खनुआ नाला पर से दुकानें हटाने की प्रक्रिया शुरु  हो गयी है। वही इससे बहुत हद तक शहर में जल जमाव  की समस्या का खात्मा हो जाने की उम्मीद है। लेकीन इन उम्मीदों से बढ़ कर यहां क़े दुकानदारो के सामने  भुखमरी की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है और इतने सारे दुकान दारो के  सामने बेरोजगारी की समस्या भी मुह बाए खड़ी है।

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वही शहर के ह्र्दय स्थली में अवस्थित यह मार्केट आज की तारीख में मलवे के ढेर में बदल गया । और कई के सामने आज से ही  रोटी और निवाले का भी संकट खड़ा होगा।। वही इन दुकानदारो को कही पुनर्वास करने की दिशा में भी जिला प्रशासन और राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिये। लेकिन इनकी ओर कोई भी देखने को तैयार नही है। वही छपरा में अपने सरकारी दौरे पर आए उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के सामने प्रमुखता से रखा था।  और इन दुकान दारो को पुनर्वास  करने की दिशा में उप मुख्यमंत्री ने आश्वासन भी दिया था की विस्थापित दुकान दारो  के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। वही सारण सांसद राजीव प्रताप रूढ़ि ने यह कहता हुऐ अपना पल्ला झाड़ लिया की सरकार सोचेगी और फिलहाल चिंता का विषय है।

क्या हैं पूरा मामला
छपरा में  टोडरमल के समय मे  छपरा शहर के मध्य मे सामान को  लाने ले जाने वाले एक नहर का निर्माण किया गया था जिसमे नाव चला करता था और परिवहन का एक साधन भी था। समय के साथ साथ यह नहर एक गंदे नाले में तबदील हो गया। उसके बाद जिला प्रशासन ने वर्ष 1995 में इस नाले पर 286 दुकानों का निर्माण करा  कर लोगों को एलाट कर दिया। उसके बाद इस नाले का प्रवाह अवरुद्ध हो गया और छपरा शहर में भयंकर जल जमाव शुरू हो गया उसके बाद स्थानीय लोगो ने कोर्ट कचहरी की शरण ली। उसके बाद एनजीटी का आदेश आया कि खनुआ नाले को उसके वास्तविक स्वरूप में लाया जाए। उसके बाद यह कार्रवाई की जा रही हैं। लेकिन शहर की साफ सफाई के नाम पर तो यह ठीक है इसके पुननिर्माण में जो दुकान दार विस्थापित हुए है वह अतिक्रमण कर के वहा स्थापित नही हुए है उन्हें बकायदा एलाट किया गया हैं लेकिन इन दुकान दारो के सामने बसने और उजड़ने की बारी एक बार फिर आ गयी है।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.