Sahitya Shikhar Samman
बिहार

साहित्य-शिखर सम्मान से सम्मानित हुए प्रसिद्ध कवि अशांत

Sahitya Shikhar Samman: हिन्दी के प्रसिद्ध कवि शालिग्राम सिंह अशांत हिन्दी- साहित्य- शिखर सम्मान (Sahitya Shikhar Samman) से किए गए सम्मानित। हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार शालिग्राम सिंह अशांत की तीन दर्जनाधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं, जिसमें ‘कालिदास महाकाव्य’ और ‘आलोचना के संदर्भ’ अतिशय लोकप्रिय हुए। प्रसिद्ध पत्रकार एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथ सिंह की पहल पर हरिहर क्षेत्र स्मृति मंजूषा पुस्तक प्रकाशन समिति ने ‘सम्मान साहित्यकार के द्वार’ कार्यक्रम के तहत अशान्त के आवासीय परिसर में सम्मान समारोह आयोजित कर कविवर अशान्त को यह सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सोनपुर के पत्रकार एवं सम्पादक विश्वनाथ सिंह ने की, जबकि संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध योगगुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने किया। बतौर मुख्य अतिथि सोनपुर के जाने-माने चिंतक एवं हरिहर क्षेत्र स्मृति मंजूषा पुस्तक प्रकाशन समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, सचिव सह बैंक अधिकारी राजेन्द्र सिंह, संपादक विश्वनाथ सिंह एवं प्रसिद्धि युवा साहित्यकार सह योगगुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ प्रदान कर हिन्दी सेवी शालिग्राम सिंह अशांत को संयुक्त रुप से सम्मानित किया।
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सम्मानित करते हुए अनिल कुमार सिंह ने कहा कि प्रख्यात साहित्यकार शालिग्राम सिंह अशांत हिन्दी साहित्य की विभूति हैं। अपनी साधना के बल पर बिहार के महामहिम राज्यपाल से सम्मान प्राप्त कर अशांत ने बिहार के साथ हरिहर क्षेत्र वासियों को गौरवान्वित किया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोनपुर पीएनबी बैंक अधिकारी सह प्रकाशन समिति के सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह ने अशांत की हिन्दी-साहित्य-यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अशांत तीन दर्जन पुस्तकों के लेखक हैं, जिसमें कालिदास महाकाव्य विशेष प्रसिद्ध है।
सुप्रसिद्धि युवा साहित्यकार एवं योगगुरु डॉ. महेन्द्र प्रियदर्शी ने कहा कि कवि वरेण्य अशान्त ने स्वधर्म, रचनाधर्म एवं राष्ट्रधर्म का सदैव निर्वहन किया है। सन् 1962 भारत-चीन युद्ध के समय अशांत ने देशभक्ति कविता संग्रह “रजनीगंधा” लिखकर सेनानियों का हौसला बढ़ाया था। अशांत ने ओज और तेज की कविता से सदैव देशभक्ति का ज़ज्बा जगाया है, इनकी रचनाओं में राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है।
गीतकार सीताराम सिंह ने कहा कि अशांत शिक्षकों और युवा साहित्यकारों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। व्यंगकार अमरनाथ तिवारी ने कहा कि अशांत जैसे शिखर रचनाकार हमारे बीच धरोहर हैं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में पत्रकार विश्वनाथ सिंह ने कहा कि अशांत ने जीवन पर्यंत साहित्य की साधना कर हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है।
आभा साहित्य परिषद् के अध्यक्ष एवं अनेकानेक साहित्यिक संस्थाओं के केन्द्रबिंदु कविवर शालिग्राम सिंह अशांत को घर में सम्मानित होने पर प्रख्यात डॉ. एनके श्रीवास्तव, डॉ. केके सिन्हा, डॉ. रंजना गुप्ता, युवा साहित्यकार मेदिनी कुमार मेनन, प्रो. इन्दु कौशल, प्रेमजीत सिंह पप्पू, सीए विमल कुमार, कथाकार मुकेश कुमार शर्मा, शैलेंद्र कुमार, रवि भूषण वर्मा, अखिल भारतीय शिक्षा मंच के अध्यक्ष आलोक आजाद, पत्रकार राजीव कुमार सिंह , डॉ. प्रियंका, निशा सिंह, प्रियदर्शी प्रकाशन की प्रबंध निदेशिका मीनाली प्रियदर्शी, डॉ. संजय विजित्वर, अंंजू सिंह, प्रशांत सिंह, संकल्प, मनोज कुमार सिंह, डॉ राजीव कुमार, डॉ. सरस्वती सिन्हा, माही, वैशाली, शौर्य, डॉ. पूजा चौधरी ने अशांत को बधाई दी। धन्यवाद ज्ञापन युवा रचनाकार अनिमेष ने किया।
Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.