वन विभाग की लापरवाही से चतुर्थवर्गीय कर्मचारी पहुंचे भूखमरी के कगार पर। छपरा,प्रखर प्रणव।सारण के वन विभाग प्रमंडल में अधिकारियों की लापरवाही से कई चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की जिंदगी में अंधेरा छा गया है। कर्मचारियों द्वारा इस संबंध में आज यह कहा गया कि सरकार के नियम के अनुसार सभी कर्मचारियों का वेतन का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाएगा, लेकिन यहां पर सरकार के इस नियम की खुलेआम वन विभाग धज्जियां उड़ा रहा है। सादे कागज पर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को पेमेंट का भुगतान कर दिया जा रहा है जबकि नियमानुसार या पूरी तरह से गलत है।
कई वर्षों से वन प्रमंडल के ये कर्मचारी संघर्षरत हैं और अपने नियोजन के लिए हाई कोर्ट तक जा चुके हैं, लेकिन अभी तक स्थाई समायोजन करने के संबंध में कोई भी कार्यवाही वन विभाग द्वारा नहीं की गई है। आज भी इन्हें दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में ही रखा गया है और महीने में मात्र 26 दिन का ही भुगतान किया जाता है। उपर से यह भुगतान भी पिछले 1 साल से नहीं किया गया है।
नतीजतन इन कर्मचारियों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसको लेकर आज इन कर्मचारियों ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कर्मचारियों ने कहा कि अगर 15 दिसंबर तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, उन्हें स्थाई नहीं किया गया और वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो 16 दिसंबर से वे आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे।
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कई वर्षों से वन प्रमंडल के ये कर्मचारी संघर्षरत हैं और अपने नियोजन के लिए हाई कोर्ट तक जा चुके हैं, लेकिन अभी तक स्थाई समायोजन करने के संबंध में कोई भी कार्यवाही वन विभाग द्वारा नहीं की गई है। आज भी इन्हें दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में ही रखा गया है और महीने में मात्र 26 दिन का ही भुगतान किया जाता है। उपर से यह भुगतान भी पिछले 1 साल से नहीं किया गया है।
नतीजतन इन कर्मचारियों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसको लेकर आज इन कर्मचारियों ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कर्मचारियों ने कहा कि अगर 15 दिसंबर तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, उन्हें स्थाई नहीं किया गया और वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो 16 दिसंबर से वे आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे।