जीकेसी मुजफ्फपुर टीम के लोगों के साथ बैठक की। मुजफ्फरपुर, संवाददाता। विश्वस्तरीय कायस्थ संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस, जीकेसी की सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की टीम गठित कर दी गयी है। जीकेसी की सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रभारी सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने जीकेसी मुजफ्फरपुर टीम के लोगों के साथ बैठक की। बैठक में रमेश प्रसाद श्रीवास्तव, विनोद कुमार श्रीवास्तव, अनिल कुमार श्रीवास्तव, श्रीनिवास सिंह और सुरेन्द्र प्रसाद को जीकेसी की सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ टीम में शामिल किया गया।
बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि मुजफ्फरपुर में वृन्दावन सेवा संस्थान द्वारा संचालित व़द्धावस्था कल्याण केन्द्र (वृ़द्धाश्रम) को जीकेसी द्वारा गोद लिया जायेगा, जिसे जीकेसी टीम के सदस्यों ने सहमति जतायी। जीकेसी सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ के सदस्यों ने कहा कि वह समय-समय पर (वृ़द्धाश्रम) में रहने वाले लोगों से मुलाकात कर उनकी हर संभव सहायता करेंगे। बैठक में ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुये वृद्धजन और जरूरमंद लोगों के बीच कंबल का वितरण करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा मूक-बधिर लोगो की सहायता करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में उपस्थित लोगों ने ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद के नेतृत्व में कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास और उत्थान के लिये उनकी हर संभव सहायता देने का संकल्प लिया।
बैठक में जीकेसी मुजफ्फपुर सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की टीम की ओर से सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रोड मैप की रूपरेखा भी तैयार की गयी। जीकेसी मुजफ्फरपुर के अध्यक्ष डा. रविशंकर चैनपुरी और जीकेसी की राष्ट्रीय सचिव सुबाला वर्मा फोन के जरिये इस बैठक में शामिल हुयी और उन्होंने हर संभव सहयाता देने की बात कही। डा. नम्रता आनंद ने डा. रविशंकर चैनपुरी और सुबाला वर्मा को इसके लिये धन्यवाद दिया है।
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इस मौके पर डा. नम्रता आनंद ने जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी गयी है उसमें अपना शत प्रतिशत देने का प्रयास करेंगी और उनसे जहां तक संभव हो सकेगा, उसमें अपना योगदान देंगी। उन्होंने कहा, सेवा कार्य करना मेरा जुनून है। उन्होंने बताया कि बेहतर समाज. के लिये जरूरी है, मानव अधिकारों का संरक्षण हो। किसी भी व्यक्ति के नैतिक, शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण को बनाए रखने के लिए मानव अधिकारों की आवश्यकता होती है। मानव अधिकार इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि वे लोगों के लिए भौतिक और नैतिक उत्थान के लिए उपयुक्त स्थिति प्रदान करते हैं। जीकेसी का सेवा और मानवाधिकार प्रकोष्ठ के माध्यम से वह मानव हित की रक्षा के लिये काम करेंगी। डॉ नम्रता आनंद ने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण, सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता को जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया।