- स्वामी विवेकानंद और जीकेसी के सात मूल सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत : राजीव रंजन प्रसाद
- कायस्थों की राजनीतिक हकमारी के ख़िलाफ़ एकजुट होंगे कायस्थ: नम्रताआनंद
पटना, संवाददाता। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (GKC) प्रदेश भर में कायस्थों के सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक प्रगति के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाएगा और संगठन को जिला से लेकर पंचायत स्तर तक मजबूत कर राजनीति में भी अपनी मजबूत भागीदारी सुनिश्चित करेगा। आज जीकेसी के राज्य के सभी जिला अध्यक्षों की हुई वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में GKC के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने स्वामी विवेकानंद के विचारों और जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने पर जोर देते हुये कहा कि ऐसा करने से कायस्थ समाज अपने सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को पाने में सफल होगा।
GKC की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद की अध्यक्षता में GKC बिहार ईकाई की पहली वर्चुअल मीटिंग में सभी जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों ने कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास और उत्थान के लिये उनकी हर संभव सहायता देने का संकल्प लिया। बैठक में GKC बिहार ईकाई की ओर से सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रोड मैप की रूपरेखा भी तैयार की गयी।
बैठक की शुरुआत प्रदेश सचिव शिखा स्वरूप की बिहार की महिमा गान से हुई । डॉ नम्रता आनंद ने GKC के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग,संप्रेषण,सरलता,समन्वय,सकारात्मकता और संवेदशनीलता को जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि GKC की स्थापना का महत्वपूर्ण उद्देश्य सम्पूर्ण कायस्थ समाज को संगठित, उन्नत एवं सशक्त करना है। कायस्थ समाज के लोगों को एक दूसरे से समन्वय स्थापित करने की जरूरत है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने कहा भारतवर्ष का स्वर्णिम इतिहास चाहे वह प्राचीन, मध्य इतिहास हो या आधुनिक इतिहास, कायस्थ समाज की विभूतियों के योगदान की कोई अनदेखी नहीं कर सकता है। देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद और दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री कायस्थ थे। बिहार के गौरवशाली निर्माण में कायस्थ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमारे गौरवशाली इतिहास में राजा महाराजा ही नही ,शिक्षाविद ,न्यायविद, प्रतिभाशाली पत्रकार, चिकित्सक, कलाकार,या यूं कहें कि हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन देने वाले एक से एक कुल विभूति हुये हैं। आज हमें अपनी समृद्ध जनसंख्या को एकजुटकर के इतिहास गढ़ने की क्षमता को समझना होगा।अपने कुल और पूर्वजों के गौरवमयी इतिहास से प्रेरित होते हुए राजनैतिक तौर पर भी चैतन्य होने की आवश्यकता है।
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राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि देशभर के अधिकांश राज्य के साथ ही कई मुल्कों में भी कायस्थ समाज से जुड़े लोग GKC में शामिल हुये हैं। जीकेसी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर कई कायस्थ संगठनों ने जीकेसी में विलय किया है।स्वामी विवेकानंद के विचार उठो , जागो , बढ़ो और तबतक मत रुको जबतक की लक्ष्य न प्राप्त हो जाये को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। हम जबतक अपने लक्ष्य कायस्थ समाज के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लक्ष्य को पा नहीं लेते हैं हमें अपने सहयोगियों के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रत्यनशील होना होगा।
उन्होंने बताया कि GKC 29 जुलाई 2021 को स्व. मानस बिहारी वर्मा की जयंती के अवसर पर विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे एक होनहार छात्र को स्कॉलर शिप के लिए बनायी जाने वाली समिति की अनुशंसा के आधार पर छात्रवृति प्रदान करेगा।
GKC के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने कहा कि संगठन को ग्रास रूट लेवल पर मजबूत किया जाना चाहिये। गांव‘गिराव में भी जो हमारे कायस्थ परिवार के लोग हैं उन्हें GKC के साथ जोड़े जाने की जरूरत है। बिहार ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष निखिल केडी वर्मा ने कहा कि संगठन के सदस्यता अभियान में तेजी लाने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश मीडिया सेल हर सम्भव योगदान देगा। चित्रांशों को समाज के बीच पुनःस्थापित करने में जीकेसी संगठन के सिद्धांतों के व्यापक प्रसार के लिए मीडिया सेल तत्पर है।
इस अवसर पर GKC के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, जीकेसी,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक अभिषेक, डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कुमार सिन्हा, मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव सौरभ श्रीवास्तव, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की सचिव श्वेता सुमन, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन,बिहार मीडिया सेल के महासचिव मुकेश महान ,बिहार GKC की महिला-अध्यक्ष डॉ ऋतुराज, महिला-कार्यकारी अध्यक्ष सम्पन्नता वरुण, युवा कार्यकारी अध्यक्ष सुशांत सिन्हा समेत कई अन्य लोगों ने अपने विचार साझा किये।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बिहार के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने कहा ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस अब कायस्थों को एक मंच पर लाएगा और कायस्थों की राजनीतिक हक मारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेगा। बैठक का समापन डॉ नम्रता आनंद ने एक प्रार्थना इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना गाकर किया।