- सत्संग और अध्यात्म सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग: राजीव रंजन प्रसाद
पटना,संवाददाता। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (GKC) कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से आगामी 20 मई को प्रार्थना एवं सत्संग का आयोजन किया जा रहा है।
GKC कला संस्कृति प्रकोष्ठ की सचिव, कृष्णा कलायन कला केंद्र की निदेशक और कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती श्वेता सुमन ने बताया कि जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ की ओर से कृष्णा कलायन कला केंद्र के संयोजन में “द आर्ट ऑफ लिविंग “के सानिध्य में “लोका समस्ता सुखिनो भवन्तु” के उद्देश्य से प्रार्थना एवं सत्संग का आयोजन 20 मई संध्या सात बजे से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में वैचारिक समृद्धि के लिए आर्ट ऑफ लिविंग की वरिष्ठ शिक्षिका संगीता सिन्हा जी द्वारा गुरुजी के मार्गदर्शन एवं सकारात्मक जीवन उपयोगी अनुकरणीय बातों को बताया जायेगा। कार्यक्रम में पल्लव हलधर जी के द्वारा सत्संग की प्रस्तुति होगी।
GKC के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि सत्संग अध्यात्म और समाज सनातन संस्कृति का एक अभिन्न अंग है।सत्संग यानी ईश्वर के संगत और सानिध्य में रहना।जीवन में सत्संग से जुड़ने वाले व्यक्तियों के जीवन में निरंतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
GKC की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने बताया कि महिलाओं के जीवन में निरंतर कई जिम्मेदारियां होती है ऐसे में आवश्यक है उनका शारीर और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो,जिसमे सत्संग और ध्यान एक मत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।स्वस्थ मन और शरीर से वे एकसाथ कई जिम्मेदारियों का निर्वहन कर पाएंगी …महिलाएं विशेष रूप से इसे आत्मसात करें।