चला जीकेसी का जनसंपर्क अभियान । कटिहार, रंजना कुमारी। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की कटिहार इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश कुमार वर्मा सहित 21 सदस्यों ने कटिहार के विभिन्न भगवान चित्रगुप्त पूजा पंडालों में भगवान चित्रगुप्त का दर्शन किए एवं अपने समाज से मिलकर बहुत सारी बातों पर चर्चा की।
इस अवसर पर विकास कुमार सिन्हा ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों के अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उनकी लेखनी के आधार पर स्वर्ग और नर्क का निर्णय होता है। इसी क्रम में हम लोगों का टीम सर्वप्रथम चित्रगुप्त पंडाल सिमरा बागान गए वहां पर गोपाल लाल दास से बातचीत के क्रम में यह चर्चा की गई कि वार्ड स्तर पर जल्द ही जीकेसी इकाई का विस्तार किया जाएगा।
साथ ही यह निर्णय लिया गया कि वहां पर विशेष समारोह का आयोजन भी किया जाएगा।इसके बाद जीकेसी का यह जत्था इस्लामिया स्कूल के सामने चित्रगुप्त मंदिर पहंचा। वहां प्रोफेसर एसएन कर्ण ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण 1977 ईस्वी में किया गया था और इसके संस्थापक स्वर्गीय दुर्गा प्रसाद थे। उस समय कायस्थ समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ मिलकर मन्दिर की स्थापना की गई थी। इस्लामिया स्कूल के सामने चित्रगुप्त मंदिर में अन्य चित्रांशों से भी मुलाकात की गई। जिसमें डॉक्टर पीसी दास, जीकेसी राष्ट्रीय सलाहकार मुकेश वर्मा, जयंत मल्लिक, दिलीप वर्मा, डॉक्टर मनोज कुमार वर्मा, गोपाल नंदन आदि से भी चर्चा की गई। इसके बाद हाई स्कूल पाड़ा स्थित चित्रगुप्त मंदिर जीकेसी के सदस्यों ने चित्रांश से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। अंत में हफला दीवानगंज में चित्रगुप्त मंदिर जाकर जीकेसी के इस जनसंपर्क जत्थे ने दर्शन लाभ किया। हफला दीवानगंज में रवि रंजन वर्मा, डॉक्टर जीएल कर्ण से कायस्थ समाज को मजबूत करने पर चर्चा की गई।
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इस कार्यक्रम को सफल बनाने में चंदन कुमार कर्ण, आलोक मल्लिक, पवन श्रीवास्तव, असिम सिन्हा, संजीव सिन्हा, सोनू सिन्हा, अजीत कुमार कंठ, श्याम श्रीवास्तव, विशाल कुमार, अशोक सिन्हा, अमित वर्मा, राजीव वर्मा, अमित कुमार वर्मा, शैलेंद्र सिन्हा, नीरज श्रीवास्तव, संदीप कुमार, शंभू सरण अस्थाना, आनंद वर्मा समेत कई स्थानीय कायस्थों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।