- टीम वर्क से कायस्थ समाज का होगा सर्वांगीण विकास : राजीव रंजन प्रसाद
पटना, संवाददाता।Global Kayastha Conference (जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कायस्थ समाज के लोगों को टीम वर्क के साथ काम करने पर जोर देते हुये कहा कि टीम वर्क से कायस्थ समाज का सर्वांगीण विकास संभव है।
जीकेसी झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजीव सिन्हा की अध्यक्षता में Global Kayastha Conference (जीकेसी) झारखंड ईकाई की पहली वर्चुअल मीटिंग संपन्न हुई। वर्चुअल मीटिंग का संयोजन जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव सौरभ श्रीवास्तव ने किया। वर्चुअल मीटिंग में जीकेसी झारखंड इकाई के अलग-अलग प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के अलावा जीकेसी के अलग-अलग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी शिरकत की।
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Global Kayastha Conference (जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के गठन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुये कहा कि कायस्थ समाज के विकास के लिये पूर्व में राष्ट्रीय कायस्थ कॉन्फ्रेंस का गठन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद और समय-समय पर कई अन्य लोगों ने की। इसके बाद से कई अलग-अलग तरह के कायस्थ संगठन का गठन किया गया। जीकेसी का गठन एक फरवरी 2021 को किया गया, जिसका मूल मकसद कायस्थ समाज के लोगों का राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास करना है। जीकेसी के गठन के साथ ही धरातल पर काम करने वाले प्रतिभाशाली लोगों की टीम बनायी गयी है, जो सबका साथ और सबका विकास के साथ काम करने में कृत संकल्पित हैं।
श्री रंजन प्रसाद ने कहा कि जीकेसी के सिद्धांत और कार्यक्रम को लोगों के बीच रखने में डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ, आईटी सेल और जीकेसी का मीडिया सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कायस्थ समाज के लोगों को प्रशिक्षित करने के साथ ही उन्हें रोजगार दिलाने में जहां प्रशिक्षण प्रकोष्ठ और शिक्षा प्रकोष्ठ अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है, वहीं लोगों को न्याय दिलाने में विधि प्रकोष्ठ की टीम भी लगी हुयी है। देशभर के अधिकांश राज्य के साथ ही कई मुल्कों में भी जीकेसी की सशक्त टीम खड़ी है। यह हमारे लिये गौरव की बात है, संभवत जीकेसी पहला ऐसा संगठन है जहां एक मंच पर इतने अधिक प्रतिभाशाली लोगों की टीम है।
उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक है।जीकेसी की टीम सामाजिक दायित्वों के प्रति भी सजग है। देशभर में जीकेसी कोरोना वारियर्स की टीम जहां तक संभव हो सके लोगों की मदद के लिये आगे आयी है। यह हमलोंगो के लिये बेहद खुशी की बात है कि कोरोना महामारी के बाद भी हम अपनों के साथ जुड़े हुये हैं और जहां तक उनकी मदद हो सके इसके लिये प्रयत्नशील हैं। उन्होंने बताया कि यह कहने में गुरेज नहीं कि कायस्थ समाज का गौरवशाली अतीत रहा है। यदि हम टीम वर्क के साथ काम करें तो निश्चित रूप से अपने गौरवशाली अतीत को पाने में सफल होंगे। कायस्थ समाज के लोगों ने कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अमिट पहचान बनायी है। हाल ही में राजधानी पटना में संपन्न महादेवी वर्मा सम्मान पर न सिर्फ देश की बल्कि विदेश की भी नजर थी। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि समय आने पर हमने हाथों से ‘कलम’ छोड़ तलवार भी उठायी है। सुभाष चंद्र बोस और खुदी राम बोस जैसी शख्सियत ने कायस्थ समाज ने क्रांतिकारी कदम के जरिये समाज को दशा और दिशा देने का काम किया। हमारा बस एक ही लक्ष्य होना चाहिये सबका साथ और सबका विकास ।
इस अवसर पर ओवरसीज विंग की अध्यक्ष नेहा निरुपम, राष्ट्रीय महासचिव मनोज श्रीवास्तव, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, प्रो. डा. रमन बल्लभ (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ), जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कुमार सिन्हा, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाला सौरभ वर्मा, मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन, जीकेसी महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर अभिलाषा सिन्हा, जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आलोक सहाय, जीकेसी झारखंड महिला विंग की अध्यक्ष तथा मां शारदे मंच की अध्यक्षा कवियत्री नीतू सिन्हा ‘तरंग’, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव, जीकेसी के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज कुमार, एडवाइजर कौशल कुमार सिन्हा,जीकेसी के सचिव पीयूष सिन्हा, संजय कुमार लाल समेत कई अन्य लोगों ने अपने विचार साझा किये।
नीतू सिन्हा तरंग ने स्वरचित कविता प्रस्तुत की और साथ ही कलमकार और कलम के धनी प्रतिभाओं को एक बड़ा मंच देने का प्रस्ताव रखा। वहीं डॉ अभिलाषा सिन्हा ने रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि साथ मिलकल इस विषय पर कार्य करना होगा।
डॉ रमन बल्लभ ने रोज़गार और शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को समुचित सलाह देने की बात कही, जिससे वे अपना सही रास्ता चुन सकें। उन्होंने बच्चों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के सदस्यों के साथ मिलकर एक रोड़ मैप तैयार करने की बात कही। लाला सौरभ वर्मा ने विभिन्न कार्यस्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए रोजगार के कुछ अवसर प्रदान करने की पेशकश की। कुमार आर्यन ने भगवान श्री चित्रगुप्त जी और कायस्थ समाज़ के इतिहास को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने और उसे समझाने का प्रस्ताव रखा।