अमरेन्द्र, फतुहा। शहर के गोविन्दपुर और सम्मसपुर को जोड़ने वाली ऐतिहासिक लोहा पुल पिछले 20 मर्ई को ही ध्वस्त हो गया था। ध्वस्त होने के तीन माह बीत जाने के बाबजूद अबतक इसका निर्माण हो पाया है। निर्माण पूरा होना तो दूर की बात अबतक निर्माण कार्य शुरु भी नहीं हो सका है। इससे स्थानीय लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है।
गौर तलब है कि यह महत्वपूर्ण इकलौता ऐतिहासिक लोहा पुल फतहा के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने वाला लाइफ लाइन था। अब इसके ध्वस्त हो जाने के बाद लोग मौत को दावत देकर इस टूटे और ध्वस्त हो चुके पुल पर से ही आ-जा रहे हैं। जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।इसे भी पढ़ें- https://xposenow.com/bihar/all-india-kisan-mahasabha-and-cpi-ml-burnt-effigies-of-modi-and-khattar-13652-2021-08-29/
प्रशासन द्वारा भी इस आवाजाही को रोकने के लिए कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है। पुल निर्माण के लिए उप मुख्यमंत्री, पथ निर्माण मंत्री, सांसद, विधायक तक स्थानीय लोगों ने गुहार लगायी, लेकिन अभी तक पुल मरम्मत या निर्माण के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो पाई है।
सामाजिक कार्यकर्ता अनिल राज, गुड्डू जायसवाल, राजन पासवान, सुधीर पासवान ने बताया कि अब पुल निर्माण के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। उसके बाद भी पुल निर्माण नहीं हुआ तो मजबूरन लोग धरना-प्रदर्शन कर जन आंदोलन करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार पर होगी। जानकारी के अनुसार इस ध्वस्त पुल से ही छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं। वहीं बुजुर्ग और महिलाएं भी डर-डर कर पुल पार कर रहे हैं।