पटना, संवाददाता।मोदी सरकार के सात साल पुरा होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद के प्रदेश प्रवक्ता Chittaranjan gagan ने कहा कि आजाद भारत की यह पहली सरकार है जिसे अपने सात साल के शासनकाल में अपने नकारात्मक उपलब्धि के अलावा कहने के लिए और कुछ नहीं है।
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राजद प्रवक्ता Chittaranjan gagan ने कहा कि सात साल पहले जिन मुद्दों को आधार बनाकर भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हुई थी, सत्ता में आने के बाद वे सारे मुद्दे या तो जुमला बन कर रह गये अथवा उन मुद्दों की उपलब्धि नकारात्मक ही हो गई।वादा किया गया था कि प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को नौकरी दी जायेगी। नौकरी तो नहीं मिली करोड़ों लोगों की नौकरी छूट गई या बेरोजगार हो गये।
Chittaranjan gagan ने कहा कि वादा किया गया था कि सभी के एकाउंट में 15-15 लाख रूपये आ जायेंगे वह तो नहीं हीं आया, जो पहले से जमा था वह भी चला गया। कहा गया था कि सौ दिनों के अन्दर मुद्रास्फीति कम हो जायेगी और आज भारतीय करेंसी का मूल्य निम्नतम स्तर से भी नीचे चला गया। इसी प्रकार काला धन तो वापस नहीं आया पर काला धन वाले आराम से देश छोड़ कर चले गए।
सत्ता में आने के पहले दावा किया गया था कि सरकार बनने पर किसानों की आय दोगुनी कर दी जायेगी। जबकि नया कृषि कानून बना कर किसानों को कॉरपोरेट के हवाले कर दिया गया। और अपनी माँगों को लेकर पिछले छः महीने से धरना दे रहे किसानों से बात करना भी गुनाह माना जा रहा है।
Chittaranjan gagan ने कहा कि पिछले सात साल में इस सरकार द्वारा किये गए कार्यों को देखा जाए तो नोटबंदी, जीएसटी, सार्वजनिक क्षेत्र के लाभकारी प्रतिष्ठानों का निजीकरण, कॉरपोरेट घरानों के हितों को ध्यान में रख कर किसान बिरोधी ‘भूमि अधिग्रहण कानून ‘ किसान बिरोधी कृषि कानून, सीएए, एनआरसी, बगैर किसी तैयारी के देश भर में लगाया गया लॉक डाउन, कोरोना के प्रति लापरवाही, वैक्सीन की उपलब्धता और वैक्सीनेशन में अदूरदर्शिता जैसे कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिससे देश को भारी क्षति उठानी पड़ी है और देश काफी पीछे चला गया है।
सरकार की उपलब्धि की चर्चा की जाये हर क्षेत्रों में देश उस स्थिति में पहुँच गया है जहाँ से उबरना बहुत आसान नहीं होगा। आज पडोसी देशों के साथ हमारे संबंध सामान्य नहीं रहे।संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता आज संदेह के घेरे में आ गए हैं। लोकतंत्र की गरिमा गिरती जा रही है। अभी ‘सी सर्वे ‘ के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री जी की लोकप्रियता भी काफी कमी आई है और अब उनके प्रशंसकों से कहीं ज्यादा उनके आलोचकों का प्रतिशत बढ गया है।