पटना, संवाददाता। बिहार राज स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ 15 वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं, इसमें स्वास्थ संविदा कर्मी के सतत प्रयास द्वारा किए गए कार्यो के कारण स्वास्थ्य विभाग का सभी कार्यक्रम सफल रहा है। कोविड-19 टीकाकरण, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर में कर्मियों की बदौलत राष्ट्रीय औसत कम हुआ है, परंतु सरकार संविदाकर्मीयों के लिए संवेदना नहीं दिखा रही है। यह आरोप लगा रहे हैं बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह।
ललन कुमार सिंह ने कहा कि बिहार राज स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ अपनी वाजिब मांगों के लिए सक्षम प्राधिकार के पास कई वर्षों से लगातार मांग करने के बाद आंदोलन करते रहे हैं। अपनी मांगों को सक्षम प्राधिकार के पास रखते रहे हैं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी संविदाकर्मियों की मांगों पर सुनवाई के बाद अन्य कर्मियों के अनुरूप ही संविदाकर्मियों की भी मांग को भी जायज बताया गया है। साथ ही राज्य सरकार को सहानुभुति पूर्वक विचार करने के लिए निर्देशित भी किया गया है।
इन सब के साथ उन्होंने कहा कि सवास्थ विभाग अपर मुख्य सचिव महोदय के आश्वासन के बाद संविदाकर्मियों की ईपीएफ कटौती पूरे बिहार में लागू की गई, इसके लिए स्वास्थ संविदा परिवार दिल से धन्यवाद देता है, परंतु अन्य मांगे अभी लंबित हैं, जो हम संविदा कर्मियों को अन्य कर्मियों से भिन्न कर देता है। जिससे हम सभी आहत हो रहे हैं। कर्तव्य पथ पर भी हम सभी अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं, अतः मुख्य मांगों पर अविलंब निर्णय लिया जाए।
मुख्य मांगों की चर्चा करते हुए कहा गया है कि ग्रुप इंश्योरेंस, और ग्रुप बीमा लागू की जाए। 2011 के बाद वेतन वृद्धि नहीं की गई है। महंगाई को देखते हुए,प्रदीप झा द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार वेतन वृद्धि की जाए, क्योंकि संविदा कर्मियों को इस महंगाई में जीना मुहाल हो गया है।
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ललन सिंह ने कहा कि पब्लिक हेल्थ कैडर को बनाते हुए सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग लंबित है, जिसके लिए भारत सरकार ने भी 16 अप्रैल 2022 को पूरे भारत सरकार केस्वास्थ मंत्री मनसुख मांडवीया के द्वारा एक समारोह में संविदाकर्मियों की स्थिति पर चिंता जताते हुए पूरे भारत में मैनेजमेंट कैडर लागू किया जाए, स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है, कि मैनेजमेंट कैडर बनाकर एनएचएम कर्मियों का संयोजन किया जाए।
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ललन सिंह ने कहा कि बिहार राज स्वास्थ्य संविदाकर्मी स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर राज्य तक कार्यरत है। उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, मनोबल बनाए रखने के लिए उक्त मांगों को लागू करने के लिए बिहार राज्य स्वास्थ संविदा कर्मी संघ सादर अनुरोध करता है। आज की महंगाई एवं 11 वर्ष पूर्व की महंगाई कई गुना अंतर है, लेकिन हम संविदा कर्मियों का भुगतान 11 वर्ष पूर्व के अनुसार ही मानदेय दिया जा रहा है,जो न्याय्योचित नहीं है। ललन सिंह ने सरकार से अनुरोध किया है इस पर सहानुभुति पूर्वक विचार कर मांगों को पूरा किया जाय।